ये एक संयोग ही है कि 27 अक्टूबर 2013 को हुए पटना सीरियल ब्लास्ट में ठीक 8 साल बाद 27 अक्टूबर 2021 को कोर्ट ने फैसला सुनाया। बिहार की राजधानी पटना के गांधी मैदान में हुए सिलसिलेवार बम धमाके के मामले में आठ साल बाद फैसला देते हुए कोर्ट ने 9 आरोपियों को दोषी ठहराया। सोमवार को कोर्ट ने चार दोषियों को फांसी की सजा सुनाई है। वहीं 2 दोषियों को उम्रकैद और 2 दोषियों को 10 साल की सजा जबकि एक दोषी को 7 साल की सजा सुनाई है। पटना की NIA कोर्ट का ये फैसला ऐतिहासिक माना जा रहा है।
पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में पीएम नरेंद्र मोदी की हुंकार रैली में सिलसिलेवार बम धमाके हुए थे। पटना जंक्शन के प्लेटफार्म संख्या 10 पर भी बम धमाका हुआ था। इसमें छह लोगों की मौत हुई थी, जबकि 80 से अधिक लोग घायल हुए थे। आठ साल बाद बुधवार को एनआइए की विशेष कोर्ट अपना फैसला सुनाया है।
इस मामले में अब तक कोर्ट में 187 लोगों की गवाही हो चुकी है। छह अक्टूबर को एनआइए की विशेष अदालत ने बचाव और अभियोजन पक्ष की ओर से अदालत में दिए गए लिखित तर्क के बाद फैसले की तारीख 27 अक्टूबर निर्धारित की थी।
मामले की जांच करने वाली एनआइए की टीम ने 2014 में मुख्य आरोपित रांची निवासी इम्तियाज अंसारी समेत 10 के खिलाफ एनआइए कोर्ट में चार्जशीट दायर की गई थी। फिलहाल सभी आरोपी बेउर जेल में कड़ी सुरक्षा में बंद हैं।