मेलबर्न (एजेंसी)। अमेरिका के बाद ऑस्ट्रेलिया ने भी बीजिंग ओलंपिक का राजनयिक बहिष्कार करने का फैसला कर चीन को बड़ा झटका दे दिया है। ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने बीजिंग ओलंपिक के राजनयिक बहिष्कार की बात कही है। इससे पहले चीन के कमजोर मानवाधिकार रिकॉर्ड के चलते अमेरिका ने 2022 के शीतकालीन ओलंपिक खेलों का कूटनीतिक बहिष्कार करने की घोषणा की थी।
अमेरिका के इस कदम को चीन के लिए कड़ा संदेश माना जा रहा था। हालांकि, अमेरिका के इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने कहा कि अमेरिका का खेलों के राजनयिक बहिष्कार का फैसला ओलंपिक भावना का उल्लंघन है।
अमेरिका ने यह एलान ऐसे समय पर किया है जब चीन ने इस तरह के राजनयिक बहिष्कार के खिलाफ ‘जवाबी कार्रवाई’ करने का संकल्प लिया है। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने कहा कि अमेरिकी खिलाड़ी इन ओलंपिक खेलों में हिस्सा लेंगे और खिलाडिय़ों को हमारा पूरा समर्थन मिलेगा लेकिन हम खेलों से जुड़े विभिन्न समारोहों का हिस्सा नहीं बनेंगे। वाशिंगटन ने महीनों तक विचार के बाद यह फैसला लिया है।
शीतकालीन ओलंपिक्स अगले वर्ष फरवरी में आयोजित होने हैं। साकी ने कहा, चीन के शिनजियांग में मानवाधिकारों के हनन और अत्याचार को देखते हुए अमेरिकी राजनयिक इन खेलों को आम घटनाक्रम की तरह लेंगे। हम चीन और उसके बाहर मानवाधिकार को बढ़ावा देने के लिए काम करते रहेंगे। बता दें कि चीन पर शिनजियांग, तिब्बत और हांगकांग में मानवाधिकार हनन के कई आरोप लगे हैं।
बीजिंग में 2022 शीतकालीन ओलंपिक खेलों के कूटनीतिक बहिष्कार के बारे में अमेरिकी फैसले से कनाडा अवगत है और इस मामले में सहयोगियों के साथ परामर्श जारी रखे हुए है। ग्लोबल अफेयर्स कनाडा के प्रवक्ता क्रिस्टेल चार्टेंड ने कहा कि चीन में मानवाधिकारों के उल्लंघन की परेशान करने वाली रिपोर्टों से कनाडा भी काफी परेशान है। वहीं इटली ने कहा है कि वह फिलहाल बीजिंग 2022 शीतकालीन ओलंपिक के अमेरिकी राजनयिक बहिष्कार में शामिल होने की योजना नहीं बना रहा है।