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निगम आयुक्त अखिलेश गहरवार निलंबित

रतलाम/जावरा Published by: जगदीश राठौर Updated Tue, 12 Mar 2024 11:26 PM
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जगदीश राठौर

रतलाम : नगरीय प्रशासन विकास एवं आवास विभाग ने मंगलवार को राजीव गाँधी सिविक सेंटर की फर्जी रजिस्ट्रीयो के मामले में नगर निगम आयुक्त अखिलेश गहरवार को निलंबित कर दिया है. संयुक्त कलेक्टर अनिल भाना को निगम आयुक्त का प्रभार सौंपा है. सिविक सेंटर के 22 प्लाट के 1998 में हुए आवंटन व हाईकोर्ट के आदेश के नाम पर दिसंबर 2023 व जनवरी 2024 में रजिस्ट्री कराई गई थी. जिसमें गड़बड़ी को लेकर निगमायुक्त एपीएस गहरवार को निलंबित कर दिया गया.

बीते दिनों नगर निगम में आयोजित सम्मलेन के दौरान फर्जी रजिस्ट्रीयो का मामला उछला था. सभावित है कि उसी के बाद आज नगरीय विकास एवं आवास विभाग मंत्रालय आयुक्त अखिलेश गहरवार निलंबित किया गया. वही रतलाम कलेक्टर द्वारा अनिल भाना को निगम आयुक्त का प्रभार सौंपा गया.

ज्ञात हो कि नगर निगम के साधारण सम्मलेन में उक्त मामला सदन में पक्ष और विपक्ष दोनों दलों के पार्षदों ने दमदार तरीके से उठाया था. सम्मलेन में सिविक सेंटर की 22 फर्जी रजिस्ट्रियों की निरस्ती के साथ ही उपायुक्त विकास सोलंकी पर भी अविश्वास प्रस्ताव पारित हुआ था.

रतलाम नगर निगम आयुक्त एपीएस गहरवार अपनी कार्यशैली के चलते मार्च 2023 में ज्वाइनिंग के बाद से सुर्खियों में छाए हुए थे. खास बात यह है कि निलंबित आयुक्त गहरवार मई माह में सेवानिवृत्त होने वाले हैं. उसके पहले उनके खिलाफ राज्य शासन ने अनियमित्ता बरतने के मामले में बड़ा एक्शन लिया. निलंबन आदेश के दो घंटे पहले ही रतलाम आए नगरीय प्रशासन विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय का आयुक्त ने स्वागत भी किया था.

इधर भाजपा जिला महामंत्री निर्मल कटारिया द्वारा की गई शिकायत पर नगरीय प्रशासन विभाग ने भी जांच के आदेश दिए. तत्कालीन कलेक्टर भास्कर लाक्षाकार ने जांच रिपोर्ट में गड़बड़ी होने की पुष्टी की थी. रिपोर्ट में बताया गया कि प्रथम दृष्टया यह प्रतीत होता है कि प्लाट की रजिस्ट्री अधिकारियों व केता के मध्य कूटरचित तरीके से संपादित की गई है. निलंबन अवधि में गहरवार का संभागीय संयुक्त संचालक, नगरीय प्रशासन उज्जैन रहेगा.

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