राजसमंद. सांसद दीयाकुमारी ने कहा कि मावली-मारवाड़ ब्रॉडगेज लाइन में आ रहे अवरोधकों से निजात पाने के लिए देवगढ़ से बर रेलवे लाइन को एक वैकल्पिक मार्ग के तौर पर देखा जा रहा है. जो 85 किमी सर्वे के लिए 42.50 लाख की वित्तीय स्वीकृति भी जारी की गई. जिसके लिए रेल मंत्रालय के साथ केंद्र की मोदी सरकार धन्यवाद की पात्र है। मावली-मारवाड़ ब्रॉडगेज क्षेत्र के नागरिकों की वर्षों पुरानी और बहुप्रतीक्षित मांग है. क्षेत्र के नागरिकों को इस रेलवे लाइन के माध्यम से परिवहन में सुगमता हो, इसके लिए इस लाइन के कार्य को शीघ्र ही पूर्ण कराने के लिए हरसंभव प्रयास किये जायेंगे. मावली-मारवाड़ ब्रॉडगेज लाइन का पहले सर्वे हो चुका था, मगर वन्यजीव अभ्यारण्य और बहुत ही ऊंचे-ऊंचे पहाड़ होने की वजह से तकनीकी दृष्टि से रेल लाइन के रास्ते को उच्चाधिकारियों ने अनुचित बता दिया था. इस कारण लम्बे समय से ब्रॉडगेज लाइन का प्रोजेक्ट ठंडे बस्ते में चला गया. इसके बाद सांसद दीयाकुमारी के प्रयासों से अब मावली से ब्रॉडगेज लाइन को ब्यावर की तरफ मोडऩे या अन्य वैकल्पिक रास्ते को लेकर सर्वे होगा और उसी रास्ते पर ब्रॉडगेज लाइन बिछाई जाएगी. इसको लेकर देवगढ़ को देवगढ़ से 85 किमी के सर्वे के लिए केंद्र सरकार द्वारा 42.50 लाख रुपए का बजट स्वीकृत किया गया है. मावली-मारवाड़ रेलवे लाईन के दोहरीकरण में वन विभाग के कारण आ रही समस्याओं के समाधान की दिशा में रेलवे द्वारा देवगढ़ से बर रेलवे लाईन को जोडऩे के लिए नया पीईटी सर्वे कराने की स्वीकृति प्रदान की गई है. इस रेलवे लाईन के मध्य तीन अभयारण्य आने के कारण इसके अमान परिवर्तन में काफी दिक्कते आ रही थी. जिसको देखते हुए रेलवे के इंजीनियरों के सुझाव पर देवगढ़ से बर को जोडऩे हेतु एक नया सर्वे कराया जाएगा. 85 किमी की इस नवीन रेलवे लाइन के सर्वे के लिए 42.50 लाख रु की वित्तीय स्वीकृति भी जारी हो गई.
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