एप डाउनलोड करें

धनतेरस से दीपोत्सव का उल्लासित आगाज: घर-घर हुई धनवंतरि पूजा

राजसमन्द Published by: Suresh Bhat...✍️ Updated Tue, 06 Nov 2018 05:09 PM
विज्ञापन
Follow Us
विज्ञापन

वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें

राजसमंद। पांच दिवसीय दिपोत्सव के पहले दिन सोमवार को धनतेरस पर जिला मुख्यालय सहित गांवों के बाजार धनवर्षा से गुलजार हो गए। लोगों ने सोमवार को महामुहूर्त होने के कारण लोगों ने वाहन, बर्तन, इलेक्ट्रोनिक्स, मोबाईल आदि की जमकर खरीदारी की। खासकर ओटो मोबाइल्स, ज्वेलरी और इलेक्ट्रोनिक्स मार्केट में खासा उल्लास रहा। शहर के बाजार में सुबह से ही स्थानीय और ग्रामीण खरीददारों की रेलमपेल बनी रही। लोगों ने घर प्रतिष्ठानों में लक्ष्मीजी एवं भगवान धनवन्तरि की पूजा अर्चना की। वहीं घरों के बाहर चौखट पर घेरू (लाल-पीली मिट्टी) लीप एवं रंगोली बनाकर परम्परानुसार श्रद्धा से पर्व मनाया। श्रीद्वारिकाधीश सहित अन्य मंदिरों में भी उत्सवी आयोजन प्रारंभ हो गए है। वहीं प्रभुश्री द्वारिकाधीश मंदिर का आकर्षक विद्युत सज्जा से सजाया गया। त्यौहार को लेकर घरो में भी मनमोहन मांडणे व रंगोलियों के स्टीकर से सजाए गए। शुभ मुहूर्त में महालक्ष्मी, भगवान धनवन्तरि एवं कुबेर की विशेष पूजा अर्चना की और विविध पकवानों के भोग धराए गए। व्यापारियों ने सुबह से ही प्रतिष्ठानों के बाहर उत्पाद काउंटरों पर सजाए। शगुन के तौर पर लोगों ने स्टील बर्तनों की खूब खरीदारी की। शहर के बाजारों में दिनभर मेले जैसा माहौल रहा।

लगी खरीददारों की भीड़

जिला मुख्यालय स्थित ओटोमोबाइल्स शोरूमों पर सुबह से ही भीड़ लगने लगी। लोगों ने पूर्व में बुक बराए मनचाहे वाहनों को शुभ मुहूर्त के अनुसार डिलीवरी ली। दोपहर बाद सर्राफा, ऑटोमोबाइल पर भीड़ बढऩे लगी, जो देर शाम तक जारी रही। अनेक शोरूमों के बाहर तो नए वाहनों की कई कतारें लगाई गई। ग्राहकों की भीड़ के चलते

खरीदे चांदी के सिक्के

सर्राफा बाजार में दिन चढऩे तक थोड़ी चहल पहल बढ़ी। ग्राहकों ने शुभ मुहूर्त के अनुसार खरीदारी की। चांदी एवं सोने के सिक्के, हल्के वजन के आभूषण, चांदी के लक्ष्मी-गणेश आदि की खरीदारी की गई। अनेक लोगों ने राशि के अनुसार पन्ना व अन्य रत्नों की भी खरीदारी भी की। इसके अलावा गृहणी महिलाओं ने अपने-अपने पंसद अनुसार ज्वेलरी तथा पसंसदीते कपड़े, साडिय़ा व आवश्यक घरेलु उत्पाद खरीदे।

फीकी रही मावे की मिठाईयों की बिक्री

कांकरोली चौपाटी, मुखर्जी चौराहा, पुराना बस स्टेण्ड, जलचक्की, सौ फिट रोड़, टीवीएस चौराहा, राजनगर आदि क्षेत्रों में स्थित मिठाइयों की दुकान पर ड्राईफु्रट्स, काजू से निर्मित मिठाई के अलावा सोहन पपड़ी, मक्खन बड़े, मोहनथाल सहित विभिन्न किस्मों के लड्डूओं की मांग अधिक रही। मावे की मिठाई के प्रति लोगों की दिलचस्पी कम ही दिखाई दी।

पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचाने वाले पटाखों की पहली पसंद

शहर के पटाखा बाजार में इस बार पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचाने वाले पटाखों की कई वैरायटी आई है। ये पटाखे कम शोर वाले सहित कम धुआं करने वाले है। इसके साथ ही इस बार अधिकतर व्यापारियों ने चाइनीज पटाखों से परहेज करते हुए स्वदेशी पटाखों की रेंज ही लेकर आए है। पटाखा बाजार में इस बार लोटो पटाखा नया आया है जो कम धुआं और तेज शोर नहीं करने वाला है। बच्चों के साथ बड़ों को लुभाने वाले इस पटाखा छूटने के बाद छतरीनुमा सतरंगी छटा बिखेरेगा। इसी प्रकार आइस पेन सीटी की आवाज रखते हुए रंग-बिरंगी आतिशबाजी करता है। इसके साथ ही रॉक म्यूजिक पटाखा कर्णप्रिय संगीत बजने के साथ चलता है। यह पटाखा भी पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचाता। इसी प्रकार डिस्को वेल जमीन पर ही अलग-अलग राउंड करती है। जबकि फाइव स्टार वेल जो आसमान में जाकर पांच बार रंगबिरंगी रोशनी करता है। इको फ्रेंडली पटाखों की रेंज इस बार पर्यावरण प्रेमियों को खासी पसंद हो रही है। नई वैरायटी के पटाखें 150 से 200 रुपए के पैकेट है। भारत में स्वदेशी पटाखों की सबसे बड़ी पटाखा मंडी तमिलनाडु में शिवाकाशी है। यहीं से पटाखों की खरीद स्थानीय व्यापारी करते है।

चाइनीज पटाखों से कर रहे है परहेज

पटाखा व्यापारियों का कहना है कि वह सालों से स्वदेशी पटाखे लेकर आते रहे है। चाइनीज पटाखे पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाले होते है। चाइनीज पटाखों की खरीद पर देश के कलाकारों को पैसा नहीं मिल पाता। स्वदेशी पटाखा की रेंज रखने से भारत को रोजगार मिलता है। वे ग्राहकों को भी स्वदेशी पटाखे खरीदने के लिए प्रेरित करते है। बच्चों के लिए पसंदीदा स्वदेशी पटाखों में खासकर पॉप-पॉप है। जो जमीन पर पटककर टिकड़ी की तरह फूटता है। वहीं पटाखों की दूकानों पर दिनभर ग्राहकों का तांता लगा रहा। सभी आयु वर्ग के लोगों ने विभिन्न किस्मों के पटाखों की खरीदारी की।

भेजी मिठाइयां एवं शुभकामनाओं के संदेश

लोगों ने दोस्तों, परिचितों व सगे-सम्बन्धियों को मिठाईयों के साथ ही एसएमएस, ई-मेल व ग्रीटिंग कार्ड के जरिए शुभकामनाओं के संदेश भेजना शुरु कर दिया। इधर, घरों में भी लोगों ने मेहमानों को मिठाई खिलाकर अगवानी की। फैक्ट्री खादानों व अन्य औद्योगिक इकाइयों के श्रमिकों-कर्मचारियों ने भी त्यौहार पर घर जाने की तैयारी कर ली।
फोटो राजसमंद। ऑटोमॉबाईल कंपनी पर एक दंपती को नए वाहन की चाबी सौंपते कंपनी मालिक एव ज्वेलर्स की दूकान से आभुषण खरीदते ग्राहक। 
दिपावली पर अपने घरों की सजावट के लिए सामान खरीदते शहरवासी व र्बतनों की खरीददारी करती महिलाएं। फोटो-प्रहलाद पालीवाल
पालीवाल वाणी ब्यूरो-Suresh Bhat...✍️
?Paliwalwani News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक और गूगल प्लस पर ज्वॉइन करें, ट्विटर पर फॉलो करे...
www.fb.com/paliwalwani
www.twitter.com/paliwalwani
Sunil Paliwal-Indore M.P.
Email- paliwalwani2@gmail.com
09977952406-09827052406-Whatsapp no- 09039752406
पालीवाल वाणी हर कदम... आपके साथ...
*एक पेड़...एक बेटी...बचाने का संकल्प लिजिए...*

और पढ़ें...
विज्ञापन
Next