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नर्सिंग विद्यार्थी बने रक्तदाता काउन्सलर - राजकुमार दक

राजसमन्द Published by: Suresh Bhat Updated Thu, 18 Aug 2016 03:48 PM
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राजसमंद। रक्त न तो किसी फैक्ट्री में बनता है एवं न ही पैसे खरीदा जा सकता है,स्वैच्छिक रक्तदाताओं के सहयोग से ही रक्त की पूर्ति की जा सकती है। अनेक लोग भ्रांतिवश आज भी रक्तदान करने से पीछे हट जाते है ऐसे में नर्सिंग विद्यार्थी रक्तदाता काउन्सलर की भूमिका निभाते हुए गांव ढ़ाणी तक के लोगों को रक्तदान के प्रति जागरूक करें तो चिकित्सालय में किसी भी रोगी के लिए रक्त की कमी नहीं रहेगी। उक्त विचार भारतीय रेडक्रॉस सोसायटी जिला शाखा के मानद सचिव राजकुमार दक ने शनिवार को उपनगर धोइन्दा स्थित श्रीनाथ एज्युकेशन इंस्टीट्यूट ऑफ नर्सिंग में आरके राजकीय चिकित्सालय एवं रेडक्रॉस सोसायटी द्वारा आयोजित रक्तदान जारूगकता कार्यशाला में व्यक्त किए। दक ने आव्हान किया की हर स्वस्थ व्यक्ति वर्ष में कम से कम एक बार रक्तदान अवश्य करें। रक्तदान की प्रक्रिया पर विस्तृत जानकारी प्रदान करते हुए उन्होंने कहा कि 18 से 65 वर्ष के स्वस्थ स्त्री पुरूष जिनका वजन 45 किग्रा से अधिक हो,हिमोग्लोबीन की मात्रा 12.5 प्रतिशत ग्राम से अधिक एवं पिछले तीन महिनों में बीमार नहीं हुये हो वो तीन माह में एक बार रक्तदान कर सकते है। रक्त की आयु मात्र 35 दिन होने के कारण हर समय इसकी उपलब्धता बनाये रखना चुनौती पूर्ण कार्य है। कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए रक्तदाता प्रेरक बृजलाल कुमावत ने कहा कि हर स्तर पर वर्षों से रक्तदान जागरूकता कार्यक्रम करने के बावजूद आज भी अधिकांश लोग भ्रांतिवश रक्तदान नहीं करते है। नर्सिंग विद्यार्थी समर्पण भाव से समय-समय पर रक्तदान करें तो निश्चय ही उन्हें आत्मिक सुख की प्राप्ति भी होगी। प्राचार्य प्रदीप कुमार भण्डारी ने सभी का आभार जताते हुए कहा कि जिले में रेडक्रॉस सोसायटी द्वारा रक्तदान के क्षेत्र में काफी जागरूकता फैलाई गई है। इस अवसर पर राघवेन्द्रसिंह, महेन्द्रसिंह, राजेश कसोटिया, भूपेन्द्रसिंह, अंजिता पी, भगवतीलाल आदि भी उपस्थित थे।
फोटो राजसमंद। कार्यशाला को सम्बोधित करते दक व उपस्थित छात्र।

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