राजसमंद। जिलेभर में करवा चौथ पर्व का आयोजन धूमधाम से किया गया। जिसमें शुक्रवार की शाम को महिलाओं ने आस्था के साथ सामूहिक पूजन कर करवा चौथ की कहानी सुनी और पति की दीर्घायु की कामना की। करवा चौथ पर्व चांद का दीदार कर सुहागिनों ने पति की दीर्घायु और स्वयं के अखण्ड सौभाग्य की की कामनो करते हुए पति के प्रति प्रेम का पर्व पूर्ण आस्था के साथ निर्जला का उपवास रखा। दोपहर बाद विधी-विधान से पूजा-अर्चना कर शाम सजे-धजे परिधाना में सोलह श्रृग़ार कर औरतो ने चांद निकलने का ईंतजार किया। रात 9 बजे जैसे ही चांद का दीदार हुआ मानो औरतो में जान सी आ गई क्योंकि वह दिनभर से भुखी-प्यासी चांद का ईतंजार कर रही थी। चांद निकलने के बाद पारपरिक रस्म के अनुसार चन्द्रमा की पूजा कर चांद को जल से अध्र्य देकर व्रत को सम्पन्न किया। करवा चौथ व्रत के साथ-साथ शहर के कई स्थानो पर करवा चौथ व्रत का उद्यापन भी किया गया। उद्यापन कार्यक्रम में उपस्थित महिलाओं ने कहा की करवा चौथ हमारी संस्कृति को और भी मजबूती प्रदान करते हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति का सबसे खूबसूरत पक्ष यही है कि जब परंपराओं की बात आती है तो सब लोग इन्हें दिल से मनाते हैं। भारतीय संस्कृति में करवा चौथ का खासा महत्व है। बात आज की हो या प्राचीन काल की महिलाओं का हमेशा समाज में उच्च स्थान रहा है। उन्होंने कहा कि उत्सव और त्योहार महिलाओं के बिना अधूरे हैं। पूजन के बाद सभी महिलाओं ने सात वचनों का समझा और करवा चौथ का पौराणिक संदर्भ भी बताया।
फोटो करवा चौथ पर्व पर सोलह श्रृंगार में सजकर घर की छत से छलनी से चांद को निहारती सुहागिन।