राजसमंद। जतन संस्थान की ओर से महिला हिंसा को लेकर जिला मुख्यालय स्थित कार्यालय पर जिला स्तरीय बैठक का आयोजन किया गया। मुख्य वक्ता के रूप में परिवार कल्याण समिति अध्यक्ष पूर्व न्यायाधीश बसंतीलाल बाबेल थे। कार्यालय प्रभारी राजदीप ने बताया कि संस्थान की ओर से जिले में एक दल गठित किया गया है जिसमें विभिन्न मुद्दों पर समझ रखने वाले विषय विशेषज्ञों का समूह है जो महिला हिंसा की रोकथाम को लेकर कार्य कर रहे है। मुख्य वक्ता बाबेल ने कहा कि महिलाओं की पूर्व में जो स्थित थी और वर्तमान में जो स्थिति है उसमें पुरुष और महिला दोनों के साथ हिंसा होती है। संविधान में महिला को लेकर कानून है, परन्तु पीडि़त महिला को इंसाफ नहीं मिल पाता। महिला हिंसा मामलों में काउन्सिलिंग के माध्सम से पहले सुलझाए, फिर कानून की सहायता लेंवे। महेन्द्र सुराणा ने पुरुष संवेदनशीलता व महिला उत्पीडऩ को चलचित्र के माध्यम से समझाया। हरकलाल बापना ने परिवार मुखिया को प्रमुख बताते हुए कहा कि उनकी जिम्मेदारी है कि वह सोच बदले जिससे महिला हिंसा का निराकरण हो सके। बैठक को तारा पगारिया, भगवत शर्मा, पुष्पा कर्णावट, डॉ. विजय कुमार खिलानानी आदि ने भी सम्बोधित किया। संस्थान की सदस्य लक्ष्मी द्वारा बताया कि महिला हिंसा को लेकर 1084 मामलों पर कार्य किया है जिसमें परिवार काउन्सलिंग कर सुलह करवाया। कुछ मामलो में 498 का मुकदमा भी दर्ज करवाया। संस्थान निदेशक कैलाश ब्रजवासी ने कहा कि हमें दूरगामी व अल्पावधि रणनीति बनाकर साथ कार्य करने की जरूरत है और जनत के अलग-अलग कार्यों में जुडक़र इस विषय पर कार्य करने की जरूरत है। इस अवसर पर पार्षद निलोफर बानू, ईश्वर, सोनू टांक, मरुधर सिंह, संजय, गंगाराम, किसान आदि उपस्थित थे।
राजसमंद। महिला हिंसा को लेकर आयोजित जिला स्तरीय बैठक को सम्बोधित करते वक्ता।
पालीवाल वाणी ब्यूरो-सुरेश भाट्
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