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केंद्रीय मंत्री की मौजूदगी में महिला प्रधान ने एक वरिष्ठ अधिकारी को चप्पलों से पीटा : कलेक्टर परिसर में मचा हंगामा

राजस्थान Published by: paliwalwani Updated Mon, 21 Apr 2025 08:04 PM
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पुराना विवाद बना ड़े की वजह

अलवर.

खैरथल कलेक्ट्रेट में उस समय अफरा-तफरी मच गई जब कोटकासिम की प्रधान डॉ. विनोद कुमारी सांगवान ने सार्वजनिक रूप से ACEO संजय यादव पर चप्पलों से हमला कर दिया. यह पूरी घटना केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव की अध्यक्षता में आयोजित दिशा समिति बैठक के तुरंत बाद हुई.

अधिकारी ने आरोप लगाया कि प्रधान ने अचानक उनके पास आकर चप्पलों से मारपीट शुरू कर दी. साथ ही जान से मारवाने की धमकियां दीं. वहीं, मामला इतना बढ़ गया कि वहां मौजूद लोग और अधिकारी बीच-बचाव के लिए दौड़े. अधिकारी ने बताया कि प्रधान ने अपने मोबाइल से फोटो लेकर बाहर खड़े लोगों को भेजा मारने की बात कही. अधिकारी ने इसे राजकार्य में बाधा और जानलेवा हमले की कोशिश बताया है. पुलिस ने शिकायत को गंभीरता से लेते हुए BNS की धारा 121(1), 132, 351(2)(3), 308(3) के तहत मामला दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है.

राजस्थान के अलवर जिले के खैरथल कलेक्ट्रेट में सोमवार को एक ऐसी घटना हुई, जिसने सभी को हैरान कर दिया. आमतौर पर शांत और औपचारिक माहौल वाले कलेक्ट्रेट परिसर में उस समय हंगामा मच गया, जब एक महिला प्रधान ने बैठक खत्म होते ही एक वरिष्ठ अधिकारी पर चप्पलों से हमला कर दिया.

यह घटना केंद्रीय मंत्री की मौजूदगी में हुई दिशा बैठक के तुरंत बाद घटी, जिससे वहां मौजूद अधिकारी और कर्मचारी सन्न रह गए. देखते ही देखते मामला पूरे जिले में चर्चा का विषय बन गया और लोग जानना चाहने लगे कि आखिर ऐसी नौबत क्यों आई.

खैरथल कलेक्ट्रेट में उस समय अफरा-तफरी मच गई, जब कोटकासिम की प्रधान डॉ. विनोद कुमारी सांगवान ने सार्वजनिक रूप से ACEO संजय यादव पर चप्पलों से हमला कर दिया. यह पूरी घटना केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव की अध्यक्षता में आयोजित दिशा समिति बैठक के तुरंत बाद हुई. बैठक समाप्त होते ही अचानक यह अप्रत्याशित घटना घट गई, जिससे वहां मौजूद सभी अधिकारी और कर्मचारी हैरान रह गए.

बताया जा रहा है कि प्रधान और ACEO के बीच लंबे समय से किसी मुद्दे को लेकर आपसी तनाव चल रहा था. दोनों के बीच वाद-विवाद धीरे-धीरे बढ़ता गया और आखिरकार सोमवार को यह झगड़ा कलेक्ट्रेट के भीतर सार्वजनिक रूप से फूट पड़ा. चप्पल से हमला होते ही वहां मौजूद अधिकारियों ने तुरंत बीच-बचाव किया और किसी तरह दोनों पक्षों को शांत किया. कुछ देर के लिए वहां अफरा-तफरी का माहौल बन गया.

चश्मदीदों के अनुसार, डॉ. विनोद कुमारी काफी गुस्से में थीं और उन्होंने कई बार ACEO को अपशब्द भी कहे. वहीं ACEO संजय यादव ने खुद को बचाने की कोशिश की लेकिन मामला बढ़ता ही गया. इस पूरी घटना से सरकारी कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े हो गए हैं. लोगों का कहना है कि इस तरह की घटनाएं जनप्रतिनिधियों की गरिमा को ठेस पहुंचाती हैं.

फिलहाल, प्रशासन की ओर से इस मामले में कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है. घटना के बाद से कलेक्ट्रेट और पूरे जिले में यह मामला चर्चा का विषय बना हुआ है. स्थानीय लोग जानना चाहते हैं कि ऐसा क्या विवाद था, जिससे मामला हाथापाई तक पहुंच गया. अब सबकी नजर प्रशासन के अगले कदम पर टिकी है कि क्या इस घटना को लेकर कोई कार्रवाई की जाएगी या नहीं.

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