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मणिपुर में फिर भड़की हिंसा : ताजा हिंसा में पांच की मौत : विधायक के घर पर हमला : सुरक्षाबलों ने 40 सशस्त्र उग्रवादी मार गिराए

अन्य ख़बरे Published by: Paliwalwani Updated Mon, 29 May 2023 10:01 AM
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मणिपुर :

हिंसाग्रस्त मणिपुर (Manipur) में शांति बहाली के तमाम प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद भी कई जगहों पर हिंसा (violence) की खबरें आ रही हैं. रविवार को भड़की हिंसा में दो लोगों की मौत हो गई. मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह (Chief Minister N. Biren Singh) ने बताया कि सुरक्षाबलों ने जातीय दंगों से घिरे उत्तर पूर्वी राज्य में शांति बहाली एक अभियान शुरू किया है और अभी तक सुरक्षाबलों ने 40 सशस्त्र उग्रवादी मार गिराए हैं. ये उग्रवादी घरों में आग लगाने और आम लोगों पर गोलीबारी करने में शामिल थे.

मणिपुर में फिर हिंसा की आग भड़क गई है. ताजा हिंसा की घटनाओं में एक पुलिसकर्मी समेत पांच लोगों की मौत हो गई है. वहीं 12 लोग घायल हुए हैं. राज्य के विभिन्न इलाकों में हिंसा भड़कने के बाद हुई फायरिंग की घटनाओं में लोगों की मौत हुई है. बता दें कि मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बिरेन सिंह ने हाल ही में अपने एक बयान में कहा था कि सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में 40 कुकी जनजाति के आतंकी मारे गए हैं. सीएम के बयान के अगले ही दिन राज्य में फिर हिंसा हो गई.

 

सिंह ने बताया कि अभी तक ऐसे 38 संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान की जा चुकी है जहां राज्य पुलिस ऑपरेशन चला रही है. एक शीर्ष सुरक्षा अधिकारी ने बताया कि पश्चिम इंफाल के उरीपोक में भाजपा विधायक ख्वाइरकपम रघुमणि सिंह के घर में तोड़फोड़ की गई और उनके दो वाहनों में आग लगा दी गई. उन्होंने कहा कि प्रतिद्वंद्वी जातीय उग्रवादी समूहों के साथ-साथ सुरक्षाबलों तथा उग्रवादियों के बीच रविवार को कई जगह झड़पें हुईं.

पुलिस अफसरो ने बताया कि रविवार गोलीबारी की विभिन्न घटनाओं में कम से कम दो लोग मारे गए और 12 घायल हो गए. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि इंफाल के फायेंग में संदिग्ध कुकी उग्रवादियों द्वारा चलाई गई गोली से एक व्यक्ति की मौत हो गई जबकि 1 घायल हो गया. अधिकारियों ने बताया कि सेना और अर्द्धसैनिक बलों द्वारा शांति कायम करने के लिए तलाशी अभियान शुरू किया गया था जिसके बाद ताजा संघर्ष शुरू हुआ.

मीडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री ने दावा किया कि संघर्ष का ताजा दौर समुदायों के बीच नहीं बल्कि उग्रवादियों और सुरक्षा बलों के बीच है.सीएम के मुताबिक, सशस्त्र आतंकवादियों द्वारा एके-47, एम-16 और स्नाइपर राइफलों से लोगों पर गोलीबारी करने के मामले सामने आए हैं. सुरक्षाबलों ने जवाबी कार्रवाई में इन उग्रवादियों पर कार्रवाई की. सीएम ने लोगों से सुरक्षाकर्मियों की आवाजाही में बाधा ना डालने की अपील करते हुए सरकार में विश्वास रखने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि हमने संघर्ष का लंबा दौर देखा है और हम राज्य की जनता को कठिन समय में अकेले नहीं छोड़ेंगे.

उन्होंने कहा कि आम लोगों को मारने और संपत्ति को नष्ट करने तथा घरों में आग लगाने में शामिल कई उग्रवादियों को जाट रेजीमेंट ने पकड़ लिया है. सीएम बीरेन सिंह ने कहा कि इंफाल घाटी के आसपास के इलाकों में आम लोगों के घरों पर हिंसक हमलों में जिस तरह तेजी आई है वो सुनियोजित लगती है.उन्होंने कहा, ‘इसकी कड़ी निंदा करता हूं…विशेष रूप से तब, जब राज्य मंत्री नित्यानंद राय मणिपुर में हैं और शांति कायम करने के प्रयास कर रहे हैं.’

अधिकारी ने बताया ‘हमारी जानकारी के अनुसार, काकचिंग में सुगनू, चुराचांदपुर में कांगवी, इंफाल पश्चिम में कांगचुप, इंफाल पूर्व में सगोलमंग, बिशेनपुर में नुंगोईपोकपी, इंफाल पश्चिम में खुरखुल और कांगपोकपी में वाईकेपीआई द्वारा गोलीबारी की सूचना मिली है.’ अधिकारी ने बताया कि काकचिंग पुलिस थाने से मेइती समूह द्वारा हथियार लूटे जाने की भी अपुष्ट खबर भी सामने आई हैं.

काकचिंग जिले के नपाट, सेरौ और पास के सुगनू में आतंकवादियों ने मैतेई समुदाय के लगभग 80 घरों को जला दिया, जिसके कारण ग्रामीणों को आधी रात को भागना पड़ा. पुलिस ने कहा कि क्षेत्र में तैनात राज्य पुलिस कर्मियों ने जवाबी कार्रवाई की, जिसके बाद भारी गोलीबारी हुई. सुगनू में हुई फायरिंग में एक पुलिस कर्मी की मौत हो गई, जबकि एक अन्य घायल हो गया. सुगनू में 6 और सेरौ में 4 अन्य लोग घायल हो गए. मणिपुर घाटी के पूर्वी क्षेत्र से सशस्त्र उग्रवादी इम्फाल पूर्वी जिले के याईंगंगपोकपी में आए और दो घरों में आग लगा दी तथा ग्रामीणों पर गोलीबारी की.

सेकमाई में हथियारों से लैस उग्रवादियों ने बाहरी गांवों पर हमला किया, जिसके कारण दोनों तरफ से गोलीबारी हुई. बिष्णुपुर जिले में, सशस्त्र कुकी उग्रवादियों ने शनिवार रात फौगकचाओ इखाई, तोरबंग और कांगवई क्षेत्रों में हमला कर दिया, जिसमें मेइती समुदाय के तीस से अधिक घर आग के हवाले कर दिए. हिंसा के बाद प्रशासन ने कर्फ्यू में दी ढील की अवधि को 10 घंटे से घटाकर 6.5 घंटे कर दिया है.

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