एसबीएसपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर इन दिनों जन भागीदारी मोर्चा को मजबूत करने में जुटे हुए हैं। इस क्रम में वह अलग-अलग क्षेत्रीय दलों के नेताओं के साथ मुलाकात कर अपने मोर्चे में शामिल होने के लिए कन्विंस कर रहे हैं। इस दौरान राजभर ने दावा किया है कि जुलाई के दूसरे हफ्ते में शिवपाल यादव के उनके मोर्चा में शामिल होने का औपचारिक ऐलान हो जाएगा। राजभर ने निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद से शुक्रवार करीब आधे घंटे तक टेलफोनिक वार्ता कर उनके भी मोर्चे में शामिल होने को लेकर चर्चा की।
एनबीटी ऑनलाइन को दिए अपने खास इंटरव्यू में राजभर ने बताया कि उनकी बुधवार को शिवपाल यादव से मुलाकात हुई, जिसमें उनके मोर्चा में शामिल होने को लेकर चर्चा हुई। राजभर के अनुसार शिवपाल यादव ने उनको भरोसा दिलाया है कि वह मोर्चा के साथ रहेंगे। राजभर ने यह भी बताया कि 20 जुलाई तक शिवपाल यादव के मोर्चा में शामिल होने का औपचारिक ऐलान भी कर दिया जाएगा।
राजभर ने आगे बताया कि शुक्रवार को उनकी निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद के साथ आधे घंटे तक बात हुई। निषाद ने भी मोर्चा में शामिल होने के संकेत दिए हैं। पिछले दिनों अखिलेश यादव ने 2022 के यूपी विधानसभा चुनावों के लिए छोटे दलों से गठबंधन करने की बात कही थी। राजभर के अनुसार जो भी बड़ी पार्टी सत्ता में आ जाती है, वह अपने छोटे घटक दलों को तरजीह नहीं देती है। राजभर के अनुसार बीजेपी के साथ रहकर वह इसी के शिकार हुए थे और अब संजय निषाद और अनुप्रिया पटेल सरीखे दलों के नेता इसके शिकार हैं।
लोकसभा के चुनावों के होने के बाद दो साल का समय बीत गया है। संजय और अनुप्रिया की मांगे अब तक नहीं मानी गई हैं। राजभर ने दावा किया की अब बड़े दलों के वोट बैंक उनके साथ नहीं हैं। उनके पास वोट नहीं रह गया है। यह बात एसपी, बीएसपी और कांग्रेस के अलग-अलग नेताओं के छोटे दलों से समझौता करने को लेकर दिए बयानों से जाहिर हो रहा है। हालांकि, एसपी, बीएसपी और कांग्रेस से उनके मोर्चा के साथ समझौता कर चुनाव लड़ने को लेकर अभी कोई वार्ता नहीं हुई है।
राजभर ने कहा कि जिला पंचायत अध्यक्षों के चुनाव बीतने के बाद वह गठबंधन के नए विकल्पों पर विचार करेंगे। राजभर को भरोसा है कि शिवपाल और अखिलेश भले आपस मे समझौता नहीं करें लेकिन उनके मोर्चे में शामिल होने की बात होगी तो दोनों ही बातचीत के लिए आगे आएंगे क्योंकि वहां व्यक्ति महत्वपूर्ण नहीं होगा। पार्टी को केंद्र में रखकर आगे की बात की जाएगी।