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निलंबित टोपीबाज दोबड़ा सचिव पर अभी तक नहीं कर पाई जाँच प्रतिवेदन पेश

अन्य ख़बरे Published by: paliwalwani Updated Sun, 10 Mar 2024 03:07 PM
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अधिकारी को है जाँच प्रतिवेदन का इंतजार.

दोबड़ा सचिव नरेंद्रसिंह चौहान को किया था जिला पंचायत सीईओ ने निलंबित.

मल्हारगढ़ जनपद क्षेत्र मे सबसे ज्यादा घोटाला दोबड़ा पंचायत मे.

बंशीदास बैरागी M. 7987236086

मामला मल्हारगढ़ जनपद क्षेत्र के दोबड़ा पंचायत का जहाँ टोपीबाज सचिव नरेंद्र सिंह चौहान ने इंजिनियर के साथ मिलकर दोबड़ा पंचायत मे निर्माण से पहले नाले निर्माण की राशि का बड़ा घोटाला किया. जहाँ पिछले एक साल पहले नाला निर्माण की राशि निकाल कर बंदर बाँट कर लिया तो वही टोपीबाज सचिव ने इंजिनियर की मिलीभगत से आंगनबाडी भवन का निर्माण से पहले ही इसकी राशि निकाल ली और बंदर बाँट कर लिया.

फिर ग्रामीणों के लिये पेयजल हेतु नविन कुआँ का निर्माण करना था उसमे भी निर्माण की राशि पंचायत के खाते मे से निकालकर किसी निजी खाते मे डाल दी ज़ब इसकी भनक सरपंच को लगी तो इसने पंचायत मे पदस्थ जिआर एस से इस राशि के बारे मे पूछा गया तो उनके द्वारा बताया गया की सचिव ने पंचायत राशि मे काफ़ी घोटाला किया है और पंचायत की राशि निकालकर निजी खाते मे डालकर टोपी पहनकर उधर उधर घूमता रहता है.

इधर निर्माण कार्य को लेकर इंजिनियर ने एक प्रतिवेदन बनाकर जनपद सीओ को भेजा जनपद सीओ ने कार्यवाही को लेकर जिला पंचायत भेजा जहाँ से टोपीबाज सचिव को निलंबित किया गया. जिसके बाद एक जाँच टीम घटित हुई. उसमे नरेगा से लेकर सभी अधिकारीक टीम घटित हुई मगर वो टीम सिर्फ जनपद तक ही सिमित रही जाँच टीम धरातल तक नहीं पहुंच सकी जाँच टीम सिर्फ जाँच टीम ही बनी रही.

वही सूत्रों के अनुसार जाँच टीम के उपर टोपीबाज सचिव ने नेताओं से दबाव बनाये गये और जाँच टीम सुन्न हो गईं इधर टोपीबाज सचिव ने नेताओं के साथ मिलकर सरपंच ने जो शिकायत जाँच हेतु आवेदन दिया था वो भी सरपंच पर दबाव बनाकर उठवाने की खबर मे जोरो से वायरल हो रही है इधर जनपद मे बैठे जिम्मेदार से बात की गईं तो उनके द्वारा पहले बताया गया था की जाँच टीम घटित हो चुकी है.

जल्द इस सचिव नरेंद्र सिंह पर वेधानिक कार्यवाही की जायेगी मगर वो जिम्मेदार अधिकारी अब नेताओं के दबाव मे सुन्न बैठ गये है और जिस निर्माण कार्य को लेकर सचिव को निलंबित किया था उस कार्य को जिम्मेदार जिम्मेदारी से पूर्व कर रहे है अगर सिर्फ जनता को मुर्ख बनाकर कार्यवाही के नाम पर ऐसे जाँच करते है तो जनता के मन मे अधिकारीयों के प्रति काफ़ी क्रोध उतपन्न होता जा रहा है.

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