सरकार ने अप्रैल-जून 2025 तिमाही (Q1FY26) के लिए छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है. यह लगातार पांचवीं तिमाही है जब सरकार ने इन योजनाओं की ब्याज दरों को अपरिवर्तित रखा है. शुक्रवार (28 मार्च) को वित्त मंत्रालय ने एक अधिसूचना जारी कर इस बारे में जानकारी दी.
इससे पहले जनवरी-मार्च (Q4FY25), अक्टूबर-दिसंबर (Q3FY25), जुलाई-सितंबर (Q2FY25) और अप्रैल-जून (Q1FY25) तिमाहियों में भी ब्याज दरों में कोई परिवर्तन नहीं किया गया था.
यानी, पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF), नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (NSC) और किसान विकास पत्र (KVP) समेत सभी छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरें Q1FY26 तिमाही के लिए अपरिवर्तित रहेंगी.
फिलहाल, पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) पर 7.1और सुकन्या समृद्धि योजना पर 8.2ब्याज दर मिल रही है. सरकार छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों पर फैसला लेने से पहले देश की तरलता (liquidity) और महंगाई (inflation) पर भी नजर रखती है.
हालांकि, सरकार हर तीन महीने में PPF, NSC और KVP समेत छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों की समीक्षा करती है. फिलहाल, इन योजनाओं पर ब्याज दरें 4से 8.2तक हैं. सरकार ने आखिरी बार दिसंबर 2023 में ब्याज दरों में बढ़ोतरी की थी.
छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों की हर तिमाही समीक्षा की जाती है. इनकी ब्याज दरें तय करने का फॉर्मूला श्यामला गोपीनाथ समिति ने तैयार किया था. समिति ने सुझाव दिया था कि इन योजनाओं की ब्याज दरें समान मैच्योरिटी वाले सरकारी बॉन्ड की यील्ड से 0.25-1.00अधिक होनी चाहिए.
छोटी बचत योजनाएं भारत में घरेलू बचत का एक प्रमुख स्रोत हैं और इनमें 12 विभिन्न साधन शामिल हैं. इन योजनाओं में जमाकर्ताओं को उनके पैसे पर एक निश्चित ब्याज मिलता है. सभी छोटी बचत योजनाओं से प्राप्त राशि राष्ट्रीय लघु बचत कोष (NSSF) में जमा की जाती है. ये योजनाएं सरकार के वित्तीय घाटे को पूरा करने में भी मददगार साबित होती हैं.