नई दिल्ली :
18 से 21 सितंबर 2023 के बीच संसद का विशेष सत्र आयोजित हुआ था। इस दौरान राज्यसभा में महिला आरक्षण विधेयक पर भाषण देते हुए राजद सांसद प्रो. मनोज झा ने ओमप्रकाश वाल्मीकि की एक कविता कोट की थी। इस दौरान उन्होंने ओमप्रकाश वाल्मीकि की रचना 'ठाकुर का कुआं' पढ़ी थी। कविता पढ़ने से पहले और पढ़ने के बाद भी उन्होंने ये कहा कि यह कविता वह किसी जाति विशेष को ठेस पहुंचाने के लिए नहीं पढ़ रहे हैं। बल्कि, ठाकुर रूपी पुरुषों को अंदर के अहंकारे के बारे में कह रहे हैं।
हालांकि, अब राजद के ही कुछ नेताओं ने आरोप लगाया है कि कविता के जरिए मनोज झा ने ठाकुर समुदाय का अपमान किया है। पार्टी के विधायक और पूर्व सांसद आनंद मोहन सिंह के बेटे ने चेतन आनंद ने मनोज झा के संसद में दिए बयान का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि अपने (ठाकुरों) पर अभद्र टिप्पणी बिल्कुल नही बर्दाश्त करेंगे।
वहीं, पूर्व सांसद आनंद मोहन ने कहा कि यह अपमान बर्दाश्त नहीं होगा। सदन में महिला बिल पर बहस हो रही थी और बात कर रहे थे ठाकुर की। कहीं पर निगाहें और कहीं पर निशाना। आप अगर इतने बड़े समाजवादी हैं तो आपने अपने नाम में टाइटल क्यों लगाया।