कोलकाता.
कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर के रेप-मर्डर मामले में पीड़ित परिवार से शुक्रवार (16 अगस्त) को CBI ने बातचीत की। परिवार ने अस्पताल के कुछ इंटर्न और डॉक्टर्स पर इस केस में शामिल होने का शक जताया है। CBI ने कहा कि पीड़ित परिवार ने कुछ नाम लिखाए हैं। हम अभी 30 लोगों से पूछताछ करेंगे।
CBI ने कहा कि आज दो पीजी ट्रेनी डॉक्टर और एक हाउस स्टाफ को पूछताछ के लिए बुलाया। घटना वाली रात ये लोग पीड़ित डॉक्टर के साथ ड्यूटी पर थे। राधागोविंद कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष को हिरासत में लिया है। उनसे भी पूछताछ होगी।
साथ ही एजेंसी गिरफ्तार आरोपी संजय रॉय को घटना का सीन रिक्रिएट करने के लिए राधागोविंद कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल लेकर पहुंची। संजय को 9 अगस्त 2024 को ही गिरफ्तार किया गया था।
वहीं, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी आज नया आदेश जारी किया। मंत्रालय ने कहा कि मेडिकल संस्थानों को हेल्थकेयर वर्कर पर हमले के 6 घंटे के अंदर ही FIR दर्ज करानी होगी। मंत्रालय का ये फैसला मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर से रेप-मर्डर मामले और 14 अगस्त 2024 को इसी कॉलेज में हुई हिंसा को लेकर आया।
ममता बनर्जी हमें चुप कराने की कोशिश कर रही हैं। वह कह रही हैं कि वह चाहती हैं कि दोषियों को फांसी दी जाए, लेकिन असलियत में वह ऐसा नहीं चाहतीं। पुलिस हमेशा हमें रोकने की कोशिश करती रही है। बंगाल के लोगों के लिए हम आवाज उठा रहे हैं, लेकिन ममता बनर्जी इस आवाज को दबाने की कोशिश कर रही है। हमारा विरोध जारी रहेगा।
पंश्चिम बंगाल कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा है कि 14 अगस्त की रात को हिंसा करने वाले सभी लोगों को गिरफ्तार करना चाहिए। सबूत मिटाने के लिए तोड़फोड़ की गई। TMC और भाजपा ने आपस में ये खेल खेला है। दोषियों को कड़ी सजा होनी चाहिए।
ऑल इंडिया गवर्नमेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के एडिशनल सेक्रेटरी डॉ. सुवर्ण गोस्वामी ने 14 अगस्त को पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के हवाले से कहा कि ये रेप नहीं, गैंगरेप हो सकता है। उन्होंने बताया कि ट्रेनी डॉक्टर के प्राइवेट पार्ट से 151mg सीमन मिला है। इतनी ज्यादा मात्रा किसी एक शख्स की नहीं हो सकती है। इस बात की पूरी संभावना है कि रेप केस में एक से ज्यादा लोग शामिल हो सकते हैं।
उधर, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने घटना के 5 दिन बाद बयान दिया है। उन्होंने कहा- पीड़िता को न्याय दिलाने की जगह आरोपियों को बचाने की कोशिश हो रही है। ये चीज अस्पताल और स्थानीय प्रशासन पर गंभीर सवाल खड़े करती है। दोषियों को ऐसी सजा मिले, जो समाज में ऐसी घटना रोकने के लिए मिसाल बने।