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Prayagraj Kumbh Mela : कुंभ आना चाहते थे स्टीव जॉब्स, वायरल हुआ 51 साल पुराना खत, 4.32 करोड़ में हुआ था नीलाम

अन्य ख़बरे Published by: Pushplata Updated Thu, 16 Jan 2025 08:56 PM
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Steve Jobs 51 year old handwritten letter gone Viral: 2025 का शंखनाद हो चुका है। भारत के साथ ही दुनियाभर से आम लोगों के साथ-साथ खास लोग संगम में डुबकी लगाने प्रयागराज आ रहे हैं। 13 जनवरी 2025 से शुरु हुए महाकुंभ में 40 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है।के को-फाउंडर स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन पॉवेल जॉब्स भी महाकुंभ में हैं और हर दिन उनसे जुड़ी खबरें व तस्वीरें सामने आ रही हैं। अब स्टीव जॉब्स का एक पुराना हाथ से लिखा हुआ खत वायरल हो रहा है। स्टीव जॉब्स ने यह चिट्ठी 1974 में अपने दोस्त टिम ब्राउन को लिखी थी और इसमें कुंभ मेला में आध्यात्मिक आकर्षण को अनुभव करने की इच्छा जताई थी।

बता दें कि स्टीव जॉब्स का यह खत 2021 में 4.32 करोड़ रुपये में नीलाम हुआ था। अब कुंभ मेला शुरु होने पर यह खत एक बार फिर सुर्खियों में है। सालों पहले 1974 में इस खत को स्टीव ने उस समय लिखा था जब वह ज़ेन बुद्धिज्म और अध्यात्म की राह खोज रहे थे। इसी साल स्टीव जॉब्स भारत भी आए थे औरस्थित नीम करोली बाबा के आश्रम भी गए। हालांकि, उन्हें पता था कि एक साल पहले 1973 में ही नीम करोली बाबा का निधन हो गया था। इसके बावजूद, स्टीव जॉब्स कैंची धाम में रुके और बाबा की कही बातों से उन्होंने प्रेरणा ली। इस यात्रा ने स्टीव जॉब्स के जीवन को बदलकर रख दिया और उनके निजी व प्रोफेशनल लाइफ पर इसका बड़ा असर पड़ा।

हालांकि, स्टीव जॉब्स ने कभी कुंभ में हिस्सा नहीं लिया लेकिन अब उनकी पत्नी ने 13 जनवरी को प्रयागराज में लगे महाकुंभ मेले में पहुंचकर उनके इस सपने को पूरा किया है। लॉरेन कुंभ में निरंजनी अखाड़े में रह रही हैं और स्वामी कैलाशानंद गिरी ने उन्हें हिंदू नाम ‘कमला’ दिया है।

सफेद कपड़ों और नारंगी शॉल लपेटे लॉरेन ने आरती, मेडिटेशन और क्रिया योग व प्राणायाम में हिस्सा लिया। लेकिन मकर संक्रान्ति को शाही स्नान वाले दिन ज्यादा भीड़ होने की वजह से उन्हें एलर्जी हो गई।

आपको बताते हैं स्टीव जॉब्स ने अपने खत में क्या-कुछ लिखा था…

टिम,

मैंने तुम्हारा खत कई बार पढ़ा है

मैं क्या कहूं, मैं नहीं जानता।

बहुत सारी सुबहें हुईं और चली गई हैं, लोग आए और चले गए

मैंने बहुत बार प्यार किया और कई बार मैं रोया हूं।

हालांकि, किसी भी तरह, इन सबसे परे एक बात है जो बदलती नहीं है – क्या आप समझते हैं?

फिलहाल मैं लॉस गेटोस और सैंटा क्रूज़ के बीच पहाड़ों में बने एक फार्म हाउस में रह रहा हूं। मैं भारत में अप्रैल में लगने वाले कुंभ मेले में जाना चाहता हूं। मैं मार्च में किसी वक्त निकल जाऊंगा, लेकिन अभी तक कुछ निश्चित नहीं है। अगर तुम चाहो, और तुम्हारे पहुंचने तक मैं अभी भी यहां हूं, हम यहां पहाड़ों में साथ रह सकते हैं और तुम मुझे अपने विचारों और अहसासों के बारे में बता सकते हो, जो मैं तुम्हारे खत से पूरी तरह नहीं समझ सका।

यहां दूसरे कमरे में आग जल रही है और मुझेलग रही है। मैं यह कहकर बात खत्म करना चाहूंगा कि मुझे नहीं पता कि शुरुआत कहां से करूं।

शांति
स्टीव जॉब्स

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