केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने ईंधन (Fuel) की कीमतों में लोकसभा चुनाव से पहले कमी आने के सवाल का जवाब दिया है। उन्होंने इस बारे में पूछे जाने पर कहा कि यह एक गलत धारणा है कि सरकार अगले साल लोकसभा चुनाव से पहले ईंधन की कीमतें कम करेगी, ये मीडिया द्वारा फैलाया गया दावा है और इसमें कोई दम नहीं है।
केंद्रीय आवास, शहरी मामलों और पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बताया कि ईंधन की कीमतें अंतरराष्ट्रीय कीमतों, परिवहन लागत, रिफाइनिंग लागत और करों जैसे कई फैक्टर्स से तय होती है। उन्होंने कहा कि देश में ईंधन की कीमतें इस बात से तय होती हैं कि सरकार ऐसे फैक्टर्स से कैसे निपटती है।
कोरोना की महामारी के बाद 2022 में तेल की कीमतें बढ़ने का जिक्र करते हुए हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि भारत ने तेल आपूर्ति करने वाले देशों से कीमतें कम करने के लिए नहीं कहा। बल्कि, सरकार ने कीमतें कम करने के लिए ईंधन पर उत्पाद शुल्क में कटौती की है। उन्होंने कहा, “इसके अलावा, भाजपा शासित राज्यों में सरकार ने ईंधन पर कर घटाकर 8 रुपये से 11 रुपये तक कीमतें कम कर दीं।”
जब केंद्रीय मंत्री से विपक्षी गठबंधन भारत के बारे में भी पूछा गया तो इसके जवाब में उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ हुई बातचीत को याद किया जिसमें आप नेता ने कहा था कि वह वंशवाद की राजनीति के खिलाफ हैं।
केंद्रीय मंत्री पुरी ने कहा कि जब उन्होंने केजरीवाल से पूछा कि वह विपक्षी गठबंधन का हिस्सा क्यों हैं, तो आप नेता ने कहा कि यह सिर्फ “राजनीति” थी।
हरदीप पुरी ने विपक्षी गुट पर कटाक्ष करते हुए कहा, ‘राजनीति में उत्साही होना महत्वपूर्ण है, खासकर यदि आपके पास कोई दम नहीं है।’ इस साल भारत द्वारा जी20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी के बारे में बात करते हुए पुरी ने कहा, “भारत का अनुभव विकासशील देशों के लिए बहुत प्रासंगिक है।” देश की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होने का हवाला देते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत एक ऐसा राष्ट्र विकसित कर रहा है जिसे अब ‘वॉइस ऑफ ग्लोबल साउथ’ माना जा रहा है।