पाकिस्तान में आर्थिक स्थिति कितनी खराब हो चुकी हैं, इस बात का अंदाजा ऐसे लगाया जा सकता है कि प्रधानमंत्री इमरान खान के इस्लामाबाद के आधिकारिक आवास को किराए पर देने के लिए बाजार में उपलब्ध करा दिया है. समाचार एजेंसी एएनआई ने स्थानीय मीडिया का हवाला देते हुए इसकी जानकारी दी है. इससे पहले, इमरान के नेतृत्व वाली पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ सरकार ने प्रधानमंत्री के आवास को यूनिवर्सिटी में बदलने की अपनी योजना की घोषणा की थी.
हालांकि, पीएम आवास को यूनिवर्सिटी में बदलने की योजना को लागू नहीं किया गया. वहीं, अब संघीय सरकार ने संपत्ति को किराए पर देने का फैसला किया है. अगस्त 2019 में पाकिस्तान सरकार द्वारा प्रधानमंत्री के घर को अत्याधुनिक संघीय शैक्षणिक संस्थान में बदलने की योजना की घोषणा की गई. इसके बाद इमरान खान ने इस्लामाबाद में अपना आधिकारिक निवास खाली कर दिया. समा टीवी की एक रिपोर्ट के अनुसार, संघीय सरकार ने उन लोगों को संपत्ति किराए पर देने का फैसला किया है जो इस्लामाबाद में रेड जोन स्थित परिसर में सांस्कृतिक, फैशन, शैक्षिक और अन्य कार्यक्रम आयोजित करना चाहते हैं.
इस उद्देश्य के लिए दो समितियों का गठन किया गया है. जिनकी ये सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी होगी कि कार्यक्रमों के दौरान पीएम हाउस के अनुशासन और मर्यादा का उल्लंघन न हो. स्थानीय मीडिया के अनुसार, संघीय मंत्रिमंडल इस मामले को लेकर बैठक करेगा और पीएम हाउस भवन से राजस्व जुटाने के तरीकों पर चर्चा होगी. प्रधानमंत्री आवास का ऑडिटोरियम, दो गेस्ट विंग और एक लॉन संभवत: फंड जुटाने के लिए किराए पर दिया जाएगा. पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के पूर्व प्रमुख कार्यस्थल पर उच्च स्तरीय राजनयिक कार्यक्रम और अंतरराष्ट्रीय सेमिनार भी आयोजित किए जाएंगे.
इमरान के सत्ता में आने के बाद से पिछले तीन सालों में पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था 19 अरब डॉलर तक सिकुड़ गई है. जब वे प्रधानमंत्री बने, तो उन्होंने देश की अर्थव्यवस्था को राहत देने के लिए सरकारी खर्चों में कटौती करने के लिए कई कड़े कदम उठाए.