टोक्यो ओलिंपिक में भारत के लिए एक और मेडल पक्का करने वाली मुक्केबाज लवलिना बोरगोहेन ने कहा कि उनका टार्गेट सिर्फ गोल्ड मेडल जीतना है। शुक्रवार को महिलाओं की 69 किलोग्राम वेट कैटेगरी के क्वार्टर फाइनल में चाइनीज ताइपे की चिए निएन चेन को हराने के बाद उन्होंने कहा- गोल्ड ही वह मेडल है जिसके लिए हम खेलते हैं। क्वार्टर फाइनल में जीत से मैं संतुष्ट होने वाली नहीं हूं।
लवलिना का सेमीफाइनल मैच 4 अक्टूबर को खेला जाएगा। लवलिना ने क्वार्टर फाइनल में जीत के बारे में कहा कि उन्होंने इसके लिए कोई प्लानिंग नहीं की थी। उन्होंने कहा-मैं इस मुकाबले में खुल कर बॉक्सिंग करने के इरादे से उतरी थी। चेन ने इससे पहले लवलिना को चार बार हराया था लेकिन उनके ऊपर इसका कोई दबाव नहीं था। उन्होंने कहा कि बॉक्सिंग में हर मुकाबला नया होता है। मैंने सिर्फ सिचुएशन के हिसाब से खेलने का फैसला किया। मुझे खुशी है कि अपनी योजना में कामयाब रही। लवलिना अगर सेमीफाइनल मुकाबला जीत लेती हैं तो ओलिंपिक गेम्स में भारत की सबसे कामयाब मुक्केबाज बन जाएंगी। उनसे पहले कोई भारतीय मुक्केबाज ब्रॉन्ज मेडल से आगे नहीं बढ़ पाया है। विजेंदर सिंह ने 2008 बीजिंग ओलिंपिक में और एमसी मेरीकॉम ने 2012 लंदन ओलिंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीता था।
पिता टिकेन बोरगोहेन ने बताया कि लवलिना दाल-चावल खाकर बड़ी है, हमारी आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं थी कि हम उनके लिए अलग से उनके लिए व्यवस्था कर पाते। वह सामान्य बच्चों की तरह थी। ओलिंपिक जाने से पहले उसने वादा किया था कि ओलिंपिक में एक मेडल जीतना है, उन्होंने वादा पूरा किया। मुझे पूरा भरोसा है कि वह फाइनल तक पहुंचेगी और देश के लिए गोल्ड मेडल जीतेंगी।