1 फरवरी को देश का बजट आने वाला है और बजट से पहले भारतीय बैंक एसोसिएशन ने मांग की है कि टैक्स फ्री एफडी के लॉक-इन पीरियड को घाटाया जाए। अभी 5 साल की एफडी पर टैक्स छूट मिलती है, लेकिन अब इसे घटाकर 3 साल किए जाने की मांग की जा रही है। यह भी तर्क है कि ऐसा करने पर ही 3 साल की एफडी बाकी प्रोडक्ट्स के साथ टक्कर ले पाएगी।
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आईबीए ने कहा है कि ईएलएसएस जैसे अन्य फाइनेंशियल प्रोडक्ट्स से तुलना करें तो टैक्स बचाने वाली 5 साल की एफडी कम आकर्षक बनकर रह गई है। अगर लॉक इन पीरियड को कम किया जाता है तो इससे एफडी के लिए लोगों का रुझान बढ़ेगा। ऐसे में हो सकता है कि इस बार के बजट में 3 साल की एफडी को लेकर कोई बात कही जाए और आपको 3 साल की एफडी पर भी टैक्स छूट का तोहफा मिल जाए।
बैंकों ने ब्याज दरें भी काफी कम कर दी हैं, लेकिन पीपीएफ जैसे प्रोडक्ट पर ब्याज दर एफडी की तुलना में बहुत ही शानदार मिल रहा है। इसकी वजह से भी लोग एफडी में कम निवेश कर रहे हैं। बहुत से लोग म्यूचुअल फंड और शेयर्स में भी निवेश कर रहे हैं। लोग 5 साल की एफडी से बचने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे में टैक्स सेवर एफडी में 3 साल की एफडी को भी शामिल किया जा सकता है।
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दिसंबर में हुई RBI मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी की आखिरी बैठक में लगातार 9वीं बार ब्याज दरों में बदलाव नहीं करने का फैसला किया गया है। मौजूदा समय में रेपो रेट 4और रिवर्स रेपो रेट 3.35है, जिसके चलते बैंकों की तरफ से एफडी पर ब्याज भी कम दिया जाता है। वहीं PPF, सुकन्या समृद्धि योजना, KVP, NSC जैसी स्मॉल सेविंग्स स्कीमों पर ब्याज दर में पिछली कई तिमाही से कोई बदलाव नहीं हुआ है, जिससे एफडी के निवेशक उस ओर भी मुड़ रहे हैं।