समय के साथ बैंकिंग सुविधाएं काफी आसान हुई हैं. जहां पहले एक बैंक से दूसरे बैंक में पैसे भेजने के लिए कस्टमर्स को अपने बैंक जाना पड़ता था. वहीं अब ऑनलाइन मोड के तहत कुछ ही मिनटों में पैसे एक बैंक अकाउंट से दूसरे बैंक अकाउंट में ट्रांसफर हो जाते हैं. इसकी वजह से मनी ट्रांसफर बहुत ही आसान हो गया है. अब इस पेमेंट मोड को और भी आसान बनाने के लिए इसके नियमों में कई बदलाव किए गए हैं, जो 1 फरवरी 2024 से लागू हो जाएंगे.
नियमों में बदलाव के बाद यूजर्स केवल रिसीवर के मोबाइल नंबर और बैंक अकाउंट का नाम जोड़कर IMPS के जरिए पैसे ट्रांसफर कर पाएंगे. नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) के मुताबिक, अब इसमें लाभार्थी (Beneficiaries) और IFSC कोड की भी जरूरत नहीं पड़ेगी.
पिछले साल 31 अक्टूबर के एनपीसीआई सर्कुलर में कहा गया था, "सभी मेंबर्स से रिक्वेस्ट है कि वे इस पर ध्यान दें. अगले साल 31 जनवरी तक सभी आईएमपीएस चैनलों पर मोबाइल नंबर और बैंक नाम के जरिए फंड ट्रांसफर शुरू करने और स्वीकार करने का पालन करें."
इस सर्कुलर में कहा गया कि सेंडर बैंकों को डिफॉल्ट एमएमआईडी के साथ मेंबर बैंक नामों की मैपिंग बनाए रखने और मोबाइल नंबर + बैंक नाम का इस्तेमाल करके बेनेफिशरी वेरिफिकेशन और फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन की सुविधा के लिए जरूरी यूआई/यूएक्स इनहेंसमेंट करने का निर्देश दिया जाता है. इसमें यह भी कहा गया कि बैंक मोबाइल बैंकिंग और इंटरनेट बैंकिंग चैनलों पर भुगतानकर्ता/लाभार्थी के रूप में वैलिड मोबाइल नंबर और बैंक नाम जोड़ने का ऑप्शन भी देंगे.
इंस्टेंट पेमेंट सर्विस (IMPS) पैसे ट्रांसफर करने के लिए सबसे ज्यादा इस्तेमाल किए जाने वाले तरीकों में से एक है. यह एक बेहद ही जरूरी पेमेंट सिस्टम है, जो 24x7 इंस्टेंट मनी ट्रांसफर की सुविधा प्रदान करता है. यह इंटरनेट बैंकिंग, मोबाइल बैंकिंग ऐप, बैंक ब्रांचेज, एटीएम, एसएमएस और आईवीआरएस जैसे अलग-अलग चैनलों के माध्यम से एक्सेसिबल है.
मौजूदा समय में IMPS P2A (अकाउंट + IFSC) या P2P (मोबाइल नंबर + MMID) ट्रांसफर मोड के जरिए ट्रांजैक्शन प्रोसेस करता है. लेकिन नियमों में बदलाव के बाद अब यह प्रोसेस केवल मोबाइल नंबर + बैंक नाम के जरिए किया जा सकेगा.
अलग-अलग मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बेनेफिशरी को जोड़े बिना IMPS के जरिए 5 लाख रुपए तक ट्रांसफर किया जा सकता है.
एनपीसीआई सर्कुलर के मुताबिक, मोबाइल नंबर से जुड़े कई अकाउंट्स के लिए लाभार्थी डिफॉल्ट अकाउंट में क्रेडिट करेगा. कस्टमर की परमिशन के जरिए डिफॉल्ट अकाउंट की पहचान की जाएगी. यदि कस्टमर की परमिशन नहीं मिलती है तो बैंक ट्रांजैक्शन को कैंसल कर दिया जाएगा.
1. अपना मोबाइल बैंकिंग ऐप खोलें.
2. होम पेज पर 'Fund Transfer' के ऑप्शन पर क्लिक करें.
3. फंड ट्रांसफर करने के मैथड में 'IMPS' का चयन करें.
4. लाभार्थी का MMID (मोबाइल मनी आइडेंटिफायर) और अपना MPIN (मोबाइल पर्सनल आइडेंटिफिकेशन नंबर) दर्ज करें.
5. वह अमाउंट दर्ज करें जिसे आप ट्रांसफर करना चाहते हैं.
6. डिटेल्स दर्ज करने के बाद आगे बढ़ने के लिए 'Confirm' पर क्लिक करें.
7. ट्रांजैक्शन के ऑथेंटिकेशन के लिए आपको रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एक OTP (वन-टाइम पासवर्ड) मिल सकता है.
8. ओटीपी दर्ज करके आप अपने ट्रांजैक्शन को पूरा करें.