● प्रवासियों को संदर्भ में उन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा : सोशल मीडिया पर लोगों ने उसे गलत रुप से प्रसारित किया
मुंबई । (प्रकाश प्रजापती...✍) विश्व में चल रही वैश्विक कोरोना महामारी के चलते मुंबई में रह रहे राजसमंद के प्रवासी भी धर्य रखें हम तमाम लोग सरकार के माध्यम से आप की जरुरतों को पूरा करने का प्रयास कर रहे हैं। यह बात राजसमंद विधायक किरण माहेश्वरी ने पत्रकार प्रकाश प्रजापती के साथ हुए एक विशेष टेलीफोनीक साक्षात्कार के दौरान कहीं। विधायक माहेश्वरी ने खुलकर कहा कि वर्तमान परिस्थितियों में राजस्थान सरकार कोरोना प्रबंधन के मामले में राज्य के अंदर व बाहर फेल साबित हुई है। राजस्थान सरकार की ओर से उद्योग धंधों को बचाने के विषय में कभी तक कोई ठोस रणनीति सामने नहीं आई है।
● राजस्थान सरकार का कोरोना महामारी के विरुद्ध संघर्ष कमजोर
विधायक किरण माहेश्वरी ने कहा है राजस्थान सरकार की राजनीतिक संकीर्णता एवं तुष्टीकरण से कोरोना महामारी के विरुद्ध संघर्ष को कमजोर कर रही है। माहेश्वरी ने कहा कि वो निरंतर गांवों में घूम रही है और लोगों से मुलाकात कर रही हैं, उन्हें कई गांवों से लगातार शिकायतें मिल रही है कि पात्र एवं निर्धन व्यक्तियों को राहत सामग्री नहीं दी जा रही है। खाद्य सुरक्षा से वंचित निर्धन परिवारों के चयन के मानदंडों को भी सार्वजनिक नहीं किया जा रहा है। राजसमंद व रेलमगरा पंचायत समिति में चयनित नागरिकों की संख्या अत्यंत कम है। राजसमंद पंचायत समिति में तो मात्र 443 व्यक्तियों का ही चयन किया गया है।
● डीएमएफटी के हजारों करोड़ो रुपए जमा लेकिन राहत कार्यो में खर्च नहीं हुए
विधायक किरण माहेश्वरी ने बताया कि गुजरात, मध्य प्रदेश, हरियाणा आदि राज्यों में राज्य सरकारें अपने स्तर पर बड़ी राहत दे रही है। राजस्थान में सरकार के पास जिला खनिज प्रतिष्ठान डीएमएफटी के हजारों करोड़ो रुपए जमा है। बार-बार मांग करने पर भी इसका उपयोग राहत कार्यों में नहीं किया जा रहा है।
● जनता की मांग पर सरकार मौन
विधायक किरण माहेवरी ने कहा कि पानी एवं बिजली के बिलों को माफ करने के लिए भी प्रदेश के कई संगठनों एवं नागरिकों ने आवाज उठाई है। किंतु राज्य सरकार इस पर मौन है। राहत सामग्री में अनाज के अतिरिक्त दाल, नमक, चीनी, चावल, मसाले आदि दिए जाने की आवश्यकता है। राजस्थान में भोजन एवं खाद्य सामग्री वितरण लगभग दानवीर एवं समाजसेवियों पर निर्भर है। गुजरात सरकार अपने स्तर पर अनाज के अतिरिक्त इस प्रकार की आवश्यक सामग्री का वितरण कर रही है। माहेश्वरी ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री गहलोत से अनुरोध किया है की प्रशासन को राजनीतिक दबाव से मुक्त करें और यथार्थ में असहाय एवं अभावग्रस्त परिवारों तक राहत पहुंचाने की व्यवस्था करवाएं।
● प्रवासियों को संदर्भ में उन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा : सोशल मीडिया पर लोगों ने उसे गलत रुप से प्रसारित किया
सोशल मीडिया पर मुंबई से राजसमंद क्षेत्र के लोगों को ले जाने के लिए बसे लगाने के सोशल नेटवर्किंग साइटों पर चल रहे एक वायरल संदेश के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब के बारे में किरण माहेश्वरी ने कहा कि यह लोगों की साजिश है। ये साजिश वो लोग फैला रहे हैं जो कहते तो अपने आपको भाजपा के सिपाही है लेकिन उनकी विचारधारा कांग्रेस जैसी है, किरण माहेश्वरी ने कहा कि प्रवासियों के संदर्भ में उन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर निवेदन किया था, कि बाहरी प्रदेश के लोगों को राजस्थान लाने के लिए ठोस रणनीति बनाई जाए लेकिन सोशल मीडिया पर लोगों ने उसे गलत रुप से प्रसारित किया है, किरण माहेश्वरी ने कहा कि वर्तमान परिस्थिति में जब तक लॉकडाउन नही खुलता तब तक लोगों को यथावत अपने स्थान पर बने रहना होगा। उसके बाद राजस्थान सरकार जो भी नीति बनाएगी हम उसमें के साथ है।
● मंगल चैरिटेबल ट्रस्ट के माध्यम से कुछ प्रवासियों को राशन उपलब्ध
विधायक किरण माहेश्वरी ने कहा कि मुंबई के नालासोपारा क्षेत्र के कुछ प्रवासीयों ने उनसे संपर्क राशन नहीं होने की बात कही थी इसके लिए उन्होंने मंगल चैरिटेबल ट्रस्ट के मेघराज धाकड़ के माध्यम से लोगों को राशन उपलब्ध करवाया है और आगे भी मुबंई में रह रहे राजसमंद जिले के लोगों को वह भुखा नही सोने देगी जितना संभव होगा पुरी मदद होगी।
● पत्रकारों को भी कोरोना कर्मवीर की मान्यता दी जाए
विधायक किरण माहेश्वरी ने बताया मुख्यमंत्री जी को पत्र लिख कर पत्रकारों को भी कोरोना कर्मवीर की मान्यता देने का आग्रह किया और कहा कि उन्हें भी अन्य कर्मवीरों के सामान 50 लाख रुपयों की बीमा सुविधा, पीपीइ किट, एवं अन्य सहायता उपलब्ध करवाएं. पत्रकार कोरोना संक्रमण के विरुद्ध संघर्ष में अग्रिम पंक्ति के सेनानी है. जनता का मनोबल बनाए रखने में और सही सूचनाओं के माध्यम से प्रशासन के कार्य को सहज बनाने में वे सराहनीय कार्य कर रहे हैं।
● स्वायत्त शासन मंत्री को ईमेल भेजकर आग्रह किया
माहेश्वरी ने बताया कि कोरोना के चलते सभी जगह होटल तथा रेस्तरां बंद है। इसलिए उन्होंने स्वायत्त शासन मंत्री को ईमेल भेजकर आग्रह किया कि अन्नपूर्णा रसोई योजना वापस शुरू करें। इससे 8 रुपए में भोजन तथा 5 रुपए में नाश्ता दिया जाता था। इससे शहरों में रोगियों के परिजनों तथा दैनिक वेतन पर काम करने वालों को कम दरों पर पौष्टिक भोजन, नाश्ता मिल जाता था। कुछ समय पूर्व ही यह योजना बिना कोई कारण बताए बंद कर दी गई है। किरण ने कहा कि हालांकि सामाजिक संस्थाएं और भामाशाह लोगों को भोजन उपलब्ध करा रहे हैं लेकिन अगर ऐसे समय में वो योजना जारी रहती और भी लोगों को राहत मिलती।
● पालीवाल वाणी ब्यूरों-M. Ajnabee-Kishan Paliwal...✍️
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● एक पेड़...एक बेटी...बचाने का संकल्प लिजिए...
● नई सोच... नई शुरूआत... पालीवाल वाणी के साथ...
!! कोरोना से डरे नहीं...डटकर मुकाबला कीजिए...जीत हर कदम...देशवासियों की होगी...!!