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BJP पर भी बड़ा हमला बोला : वन नेशन वन इलेक्शन नया संविधान लिखने का प्रयास : संजय राउत

मुम्बई Published by: paliwalwani Updated Fri, 20 Sep 2024 01:46 AM
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मुंबई. देश में वन नेशन, वन इलेक्शन प्रस्ताव पर बहस शुरू हो गई है. एक दिन पहले ही केंद्रीय कैबिनेट में इसके प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है. अब शिवसेना उद्धव ठाकरे गुट के राज्यसभा सांसद और वरिष्ठ नेता संजय राउत ने इस प्रस्ताव को संविधान विरोधी बताया है. संजय राउत ने कहा कि हमारे पूर्वजों और संविधान निर्माताओं ने बहुत सोच-समझकर संविधान के प्रावधान तैयार किये थे, मोदी सरकार को नया संविधान, नया कानून लिखने का प्रयास नहीं करना चाहिए.

उद्धव ठाकरे गुट के सीनियर लीडर संजय राउत ने इसी के साथ बीजेपी पर भी बड़ा हमला बोला. उन्होंने कहा कि ये साफ है कि आने वाले चुनावों में बीजेपी की करारी हार होने जा रही है, इसलिए वो ऐसे फंडे ला रहे हैं, जिसकी बहस में जनता उलझ जाए. संजय राउत ने वन नेशन, वन इलेक्शन के प्रस्ताव पर बड़ा हमला बोलते हुए कहा कि वे आखिर 2029 में एक साथ चुनाव कैसे कराएंगे? उन्होंने ये कहकर भी तंज कसा कि जो सरकार चार राज्यों में एक साथ चुनाव नहीं करा सकी, मुंबई नगर निगम समेत 14 नगर पालिकाओं के चुनाव नहीं करा सकी, जम्मू-कश्मीर में तीन साल तक चुनाव नहीं करा सकी, वह सरकार वन नेशन वन इलेक्शन कैसे करा लेगी.

संजय राउत ने निशाना साधा कि जो सरकार मणिपुर नहीं जा सकती या उसके बारे में कोई बात नहीं कर सकती, वह वन नेशन वन इलेक्शन आखिर क्यों चाहती है? उन्होंने इसी के साथ ये भी कहा कि हिन्दुस्तान बड़ी आबादी वाला मुल्क है, यहां के राज्यों की अपनी-अपनी विविधताएं हैं. यहां भाषा-क्षेत्र संस्कृति और त्योहार अलग-अलग हैं. प्रादेशिक विभिन्नताओं की वजह से वहां चुनावों की तारीखें तय होती रही हैं.

उन्होंने आरोप लगाया कि यह प्रस्ताव विभिन्नताओं को खत्म करने वाला है. इसके जरिये सरकार संविधान को बदलने का प्रयास कर रही है. संविधान के सिद्धांतों को बदला जा रहा है. संजय राउत ने कहा कि सरकार सबसे पहले नगर निगम और राज्यों के चुनाव एक साथ कराके दिखाएं. एक राष्ट्र एक चुनाव लोकतंत्र विरोधी है. भविष्य में नो इलेक्शन नो नेशन का नारा होगा, यही उनकी तैयारी है. संजय राउत ने सवाल उठाया कि एक साथ चुनाव होने से आखिर खर्च कैसे बचेगा? इसका अर्थशास्त्र देशवासियों को समझाया जाना चाहिए. यह देश की एकता के खिलाफ है.

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