महाराष्ट्र :
महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण को लेकर घमासान जारी है. मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे के नेतृत्व में जमकर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. इस बीच मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने रविवार को चेतावनी दी है. उन्होंने जरांगे पाटिल को आगाह करते हुए कहा कि वह अपनी हद पार न करें.
शिंदे का ये बयान ऐसे समय में आया है, जब मनोज जरांगे ने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर उनकी हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया है. यही नहीं, शिंदे ने संकेत दिया कि जरांगे पाटिल को राज्य में कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है.
जरांगे के आरोप पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि जरांगे को उनकी सरकार के धैर्य की परीक्षा नहीं लेनी चाहिए. बता दें कि महाराष्ट्र में आज से विधानसभा का बजट सत्र शुरू होने वाला है. इस संबंध में एक दिन पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान शिंदे ने कहा (राज्य) सरकार ने धैर्य दिखाया लेकिन लोगों को हमारे धैर्य की परीक्षा नहीं लेनी चाहिए.
शिंदे ने कहा जो लोग सरकार के खिलाफ बार-बार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, उन्हें हमारे धैर्य की परीक्षा नहीं लेनी चाहिए. उन्हें कानून-व्यवस्था की समस्या पैदा नहीं करनी चाहिए. मुझे आश्चर्य है कि जरांगे का भाषण आम तौर पर शरद पवार और उद्धव ठाकरे द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले भाषणों जैसा क्यों लगता है.
जरांगे के आक्रामक रुख और उनके भाषणों में इस्तेमाल शब्दों के बारे में पूछे जाने पर शिंदे ने कहा कि कानून के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि यह एक साजिश चल रही है और इसका जल्द ही पर्दाफाश किया जाएगा.
उन्होंने कहा किसी को भी अपनी हद पार नहीं करनी चाहिए. यह एक राजनीतिक साजिश है. गृह विभाग को सब कुछ पता है और किसी को यह नहीं सोचना चाहिए कि सरकार को कुछ पता नहीं है. सरकार राज्य में शांति और कानून-व्यवस्था को बाधित करने वालों का समर्थन नहीं करेगी.
इससे पहले जरांगे ने कहा कुछ लोगों को प्रलोभन दिया जा रहा और मेरे खिलाफ झूठे आरोप लगाने के लिए उन पर दबाव डाला जा रहा. इन साजिशों के पीछे फडणवीस का हाथ है. मैं इसी वक्त सागर बंगला (मुंबई के मालाबार हिल में फडणवीस का आधिकारिक आवास) तक मार्च करने के लिए तैयार हूं. उनकी इस घोषणा से सभा स्थल पर अफरा-तफरी मच गई, जहां जरांगे के समर्थक बड़ी संख्या में एकत्र हुए थे. यहां तक कि उनमें से कुछ ने माइक्रोफोन छीनने की कोशिश की.
जरांगे ने कहा कि वह अकेले मुंबई मार्च करेंगे और उन्हें सभी लोगों से केवल समर्थन की जरूरत है. उन्होंने आरोप लगाया कि महाराष्ट्र विधानसभा में 20 फरवरी 2024 को मराठा कोटा विधेयक पारित हो जाने के बाद उनके खिलाफ आरोप लगाये गए. उन्होंने कहा इन लोगों को मेरी तथाकथित गलतियों का अब जाकर कैसे एहसास हुआ और उनके बारे में बोलना शुरू किया है. जरांगे ने फडणवीस की ‘ब्राह्मणवादी चालों के बारे में भी बात की और यह भी कहा कि उनके आरोप ‘सभी ब्राह्मणों’ के खिलाफ नहीं हैं.
उन्होंने एक क्षेत्रीय समाचार चैनल से कहा फडणवीस को यह पसंद नहीं कि कोई उनसे ज्यादा लोकप्रिय हो. फडणवीस के कारण ही मराठा आरक्षण समर्थकों के शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन के बावजूद उनके खिलाफ पुलिस शिकायतें दर्ज की गईं.
अदालत ने हमें शांतिपूर्वक विरोध प्रदर्शन करने की इजाजत दी है. फिर पुलिस में शिकायत क्यों दर्ज की गई. उन्होंने आरोप लगाया मैं मराठों को ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) श्रेणी में शामिल करने और कुनबी प्रमाण पत्र जारी करने की अपनी मांग से पीछे नहीं हट रहा हूं. ‘सलाइन’ के जरिये जहर देकर मुझे खत्म करने की योजना थी. यह सरकार राजनीतिक चालों के जरिये प्रमुख समुदायों को नीचा दिखाने की कोशिश कर रही है.
उन्होंने कहा कि उपमुख्यमंत्री मराठा समुदाय को हराने के लिए ओवरटाइम काम कर रहे हैं. जारंगे पाटिल ने कहा फडणवीस मराठों के वर्चस्व को खत्म करना चाहते हैं. वह एक मराठा को दूसरे के खिलाफ खड़ा करके ऐसा करने की कोशिश कर रहे हैं. इस साजिश में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के तीन अजित पवार की एनसीपी के दो और बीजेपी के दो विधायक शामिल हैं.