MP NEWS: मध्य प्रदेश जबलपुर से इंसानियत को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है। यहां एक 95 साल की मां को उसके ही बेटे ने भीषण गर्मी में घर की छत पर छोड़ दिया। यह अमानवीय व्यवहार तब सामने आया जब किसी ने एक गुमनाम पत्र के जरिए कलेक्टर को मामले की इसकी सूचना दी। प्रशासन की टीम ने तत्काल कार्रवाई करते हुए बुजुर्ग महिला को रेस्क्यू किया। बेटे पर संपत्ति लेने के बाद बुजुर्ग मां को बेसहारा करने का आरोप है।
जबलपुर के त्रिमूर्ति नगर में एक लालची बेटे की शर्मनाक करतूत सामने आई है, यहां एक बेटे मेवालाल गुप्ता ने संपत्ति मिलते ही अपनी 95 वर्षीय मां रामरती गुप्ता को छत पर छोड़ दिया। पूरा मामला जबलपुर कलेक्टर दीपक सक्सेना के पास पहुंची एक गुमनाम चिट्ठी से सामने आया। जिसमें बताया गया कि किराना व्यापारी मेवालाल गुप्ता ने अपनी मां को छत पर रखा हुआ है। बुजुर्ग महिला तपती धूप में तिरपाल के नीचे रह रही है और भोजन-पानी तक की सुविधा नहीं है। बेटे ने अपनी मां को गर्मी में तिरपाल के नीचे मरने के लिए छोड़ रखा है। मामले में गंभीरता दिखाते हुए कलेक्टर ने आधारताल तहसीलदार को जांच के लिए आदेश दिए।
कलेक्टर से आदेश के बाद आधारताल तहसीलदार जानकी उइके, पटवारी और गोहलपुर थाना पुलिस की टीम चिट्ठी में बताई हुए घर में पहुंची, जहां उन्होंने को बुजुर्ग महिला को महिला गंभीर हालत में पाया, इसके बाद महिला को रेस्क्यू किया गया। छत पर बैठी बुजुर्ग को तहसीलदार ने नीचे घर में लाया और सुरक्षित स्थान पर बैठाया। साथ ही तहसीलदार ने परिजनों को हिदायत दी है कि अगर अगली बार इस तरह की शिकायत मिलती है तो कड़ी कार्रवाई होगी।
प्रशासन की जांच में सामने आया कि मां रामरती ने छह महीने पहले अपनी प्रॉपर्टी अपने बेटे के नाम की थी। संपत्ति ट्रांसफर के बाद बेटे का व्यवहार बदल गया और बेटे ने मां को छत पर छोड़ दिया, साथ ही मां पर ध्यान देना भी बंद कर दिया। महिला के खाने- पीने के भी लाले थे। रेस्क्यू के दौरान तहसीलदार ने बुजुर्ग महिला से तकलीफ को लेकर जानकारी ली लेकिन वह चुप ही रहीं। तहसीलदार के आदेश पर बुजुर्ग को पूजा वाले कमरे में रखा गया है।
पूछताछ में बेटे मेवालाल गुप्ता ने तहसीलदार को बताया कि मां को घर में रखने से समस्या हो रही थी। तहसीलदार ने चेतावनी दी कि भविष्य में शिकायत मिली तो कड़ी कार्रवाई होगी। बुजुर्ग महिला को फिलहाल घर के पूजा कक्ष में सुरक्षित रखा गया है। तहसीलदार द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट सोमवार को कलेक्टर को सौंपी जाएगी। इसमें तय होगा कि महिला को वृद्धाश्रम भेजा जाए या घर में ही रखा जाए। अगर बेटे के खिलाफ गंभीर आरोप साबित होते हैं, तो एफआईआर भी दर्ज की जा सकती है।