चित्रकूट :
श्री राम संस्कृत महाविद्यालय के विद्यार्थियों द्वारा प्रतिदिन सायं 6ः30 बजे से जानकीघाट पर नियमित रूप से वैदिक और पारंपरिक पद्धति से गंगा आरती के आयोजन का संकल्प ट्रस्ट प्रबंधन द्वारा लिया गया है. ट्रस्टी डॉ.बी.के.जैन ने इस अवसर पर कहा कि, मन्दाकिनी गंगा की महाआरती चित्रकूट के धार्मिक और आध्यात्मिक वातावरण को और भी विशेषता प्रदान करेगी. श्रद्धालुओं द्वारा इस आरती का दर्शन करने और सम्मिलित होने का अवसर प्रतिदिन उपलब्ध है. इस आध्यात्मिक कार्यक्रम के आयोजन से चित्रकूट का पर्यटन क्षेत्र और धार्मिक स्थल में एक नया एवं महत्वपूर्ण दर्शनीय केन्द्र बड़ी गुफा जो माता जानकी के चरण चिन्ह के एकदम नजदीक है. अनेकों स्थानीय और बाहर से चित्रकूट आने वाले श्रद्धालु इस आयोजन में सम्मिलित होकर आनंद ले रहे हैं. उषा जैन ने पालीवाल वाणी को बताया कि, लंबे समय से वाराणसी के विभिन्न घाटों की तर्ज पर चित्रकूट में महाआरती के आयोजन की रूपरेखा तैयार हो रही थी, मुझे प्रसन्नता है कि पूज्य गुरुदेव श्री रणछोड़दास जी महाराज की प्रेरणा एवं आशीर्वाद से इस वर्ष मां गंगा के अवतरण दिवस पर इस आरती का शुभारंभ हो पाया.
संस्कृत विद्यालय के छात्रों ने अपने आचार्यों के निर्देशन में बहुत ही अल्प समय में इसका प्रशिक्षण लिया एवं इस परिकल्पना को साकार किया, इसके आयोजन से सम्बंधित सभी को मैं हार्दिक शुभकामनायें देती हूँ. यह आरती अब नियमित रूप से प्रतिदिन होगी, सभी से पधारने हेतु सादर निवेदन है.
इस अवसर पर, रघुवीर मन्दिर के ट्रस्टी डॉ. बी.के.जैन, शिक्षा समिति की अध्यक्ष उषा जैन, उपाध्यक्ष अनुभा अग्रवाल, सचिव आर बी सिंह चौहान, प्राचार्य सुरेन्द्र तिवारी और श्री राम संस्कृत महाविद्यालय के आचार्य, चित्रकूट के विभिन्न मठों एवं मंदिरों के संत-महन्त, गणमान्य नागरिक, सदगुरु परिवार के सदस्य तथा संस्कृत विद्यालय के विद्यार्थी उपस्थित रहे.
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