हमारे भारतीय समाज में साधु और संतों को बड़े सम्मान की नजरों से देखा जाता है. साधु और संत हमारे लिए देवताओं की तरह पूजनीय है. लेकिन कुछ असामाजिक तत्व साधु और संतों के भेष में गलत कामों को अंजाम देते है. हाल ही में एक इस तरह का मामला सामने आया है जिसने हर किसी के होश उड़ा दिए है. हाल ही में एक मामला छत्तीसगढ़ के बालोद जिले से सामने आया है. यहां भगवा वस्त्रों की आड़ में दो मुसलमान गलत कामों को अंजाम दे रहे थे. उनके मंसूबे बहुत गलत थे लेकिन उनके मंसूबों पर पानी फेर दिया गया. दो मुस्लिम जब पकड़ में आए तो उनकी पोल पट्टी खुल गई.
हाल ही में छत्तीसगढ़ के बालोद जिले के गुरूर में दो मुस्लिम युवक हिंदू बनकर घूम रहे थे. दोनों मुस्लिम साधु की वेशभूषा में थे. एक आरोपी का नाम झगरू पिता मुसाफिर जोगी और याद अली उर्फ माले सज्जन है. दोनों मुस्लिम आरोपी ग्राम नेवादा, थाना पट्टी, प्रतापगढ़, उत्तरप्रदेश के रहने वाले हैं. उत्तरप्रदेश के रहने वाले ये दोनों आरोपी छत्तीसगढ़ में रहकर गलत कामों को अंजाम दे रहे थे. उन्हें उम्मीद भी नहीं थी कि उनके साथ कुछ ऐसा होगा कि उनका काला चिट्ठा सबके सामने खुल जाएगा. दोनों बच्चे चोरी करने के मकसद से गांव में रेकी कर रहे थे लेकिन इसी बीच दोनों धरा गए.
बालोद जिले के गुरूर में भगवा चोला पहन कर दोनों आरोपी घूम रहे थे. पुलिस को उन पर शक हुआ तो पुलिस ने दोनों को रोका और फिर उनकी अग्निपरीक्षा शुरू हुई जसिमे वे दोनों फेल हो गए. पुलिस ने शक के आधार पर दोनों को गायत्री मंत्र और महामृत्युंजय मंत्र सुनाने के लिए कहा. हालांकि वे घबरा गए और उनका सच सामने आ गया.
पुलिस ने दोनों से पूछताछ की तो दोनों ने बताया कि वे मुसलमान है. साथ ही उन्होंने बताया कि वे बच्चा चोरी करने के चक्कर में घूम रहे थे. पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया और अब दोनों मुस्लिम आरोपियों के खिलाफ प्रतिबंधात्मक धारा लगाकर न्यायालय में पेश किया जाएगा.
इस मामले में विश्वजीत मेश्राम ने जानकारी देते हुए कहा कि, घटना स्थल की संबंधित थाना पुलिस को सूचना मिली थी कि भगवा कपड़ों
में दो लोग घूम रहे हैं. दोनों की गतिविधियां संदिग्ध है. पुलिस ने दोनों को बस स्टैंड के पास से पकड़ा और पूछताछ के लिए थाने ले गए. पहले दोनों ने खुद की पहचान हिंदू के रूप में बताई वहीं जब सख्ती से पूछताछ हुई तो दोनों ने खुद को मुस्लिम बताया.