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प्रत्याशी चयन उम्मीदवारी में 75 वर्ष की आयु सीमा का नियम बीजेपी में कभी था ही नहीं : डॉ. सत्यनारायण जटिया

इंदौर Published by: sunil paliwal-Anil paliwal Updated Sat, 05 Nov 2022 12:59 AM
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  • इंदौर : प्रत्याशी चयन उम्मीदवारी में 75 वर्ष की आयु सीमा का नियम बीजेपी में कभी था ही नहीं, उसे तो बेवजह चर्चा का विषय बना दिया गया। पार्टी सही समय पर सही जगह अपने कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी सौंपती है। बीजेपी आज जिस स्थान पर है, उसके पीछे जनसंघ के जमाने से किया गया संघर्ष है। गुजरात में बीजेपी प्रचंड बहुमत से जीतगी। राहुल गांधी अपनी पार्टी को मजबूती देने के लिए यात्रा निकाल रहे हैं। ये बात बीजेपी के वरिष्ठ नेता और संसदीय बोर्ड व केंद्रीय चुनाव समिति के सदस्य डॉ. सत्यनारायण जटिया ने कही। वे स्टेट प्रेस क्लब, मप्र द्वारा आयोजित कार्यक्रम रूबरू में पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे।

75 वर्ष का नियम कभी था ही नहीं

सात बार लोकसभा और एक बार राज्यसभा के सांसद होने के साथ अटलजी की सरकार में केंद्रीय मंत्री रहे डॉ. सत्यनारायण जटिया ने अपनी पांच दशक की राजनीतिक यात्रा पर प्रकाश डालने के साथ पत्रकारों के सवालों के जवाब भी बेबाकी के साथ दिए। 2019 के लोकसभा चुनाव में 75 वर्ष उम्र का हवाला देकर सुमित्रा महाजन सहित कई नेताओं के टिकट काटे जाने और अब उन्हें (जटिया) पार्टी संगठन में बड़ी जिम्मेदारी मिलने संबंधी सवाल पर जटिया का कहना था कि 75 वर्ष की उम्र का मापदंड बीजेपी में कभी था ही नहीं, इसे यूं ही मीडिया में चर्चा  का विषय बना दिया गया। उनका कहना था कि जिस तरह दिवाली पर घर की सफाई में कीमती वस्तुओं को सम्हालकर अलग रख दिया जाता है, उसी तरह बीजेपी संगठन अपने नेताओं को सही समय पर उचित जिम्मेदारी सौंपता हैं। जहां तक मुझे मिली जिम्मेदारी का प्रश्न है, इसे कोई पचास साल के राजनीतिक अनुभव का प्रतिफल कहे तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं है। यह परिश्रम का पुरस्कार है।

गुजरात में बीजेपी प्रचंड बहुमत से जीतेगी

श्री जटिया ने दावा किया कि गुजरात में आम आदमी पार्टी की इंट्री से बीजेपी की सेहत पर कोई असर नहीं पड़ेगा। हमारा संगठन मजबूत है और हम प्रचंड बहुमत से जीतकर पुनः सरकार बनाएंगे।

बीजेपी सिद्धांत और संगठन के दम पर आगे बढ़ रही है

डॉ.जटिया का कहना था कि बीजेपी ने आज जो भी अर्जित किया है वह उसके जनसंघ के जमाने से किए गए संघर्ष का परिणाम है। सिद्धांत और संगठन के आधार पर चलने वाली बीजेपी लंबी रेस का घोड़ा है। वह आने वाले समय में भी अपना परचम लहराएगी।

हर प्रधानमंत्री की चुनौतियां अलग रही

एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि हर दौर की चुनौतियां अलग रहीं हैं इसलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की किसी पूर्ववर्ती प्रधानमंत्री के साथ तुलना उचित नहीं है। मोदी के नेतृत्व का यह दौर प्रगति और विकास का दौर है। 2024 का लोकसभा चुनाव भी बीजेपी मोदी के नेतृत्व में ही लड़ेगी।

आदिवासियों को शिक्षित व जागरूक करना जरूरी

वरिष्ठ बीजेपी नेता डॉ. जटिया का कहना था कि आदिवासी समाज में जागरूकता और शिक्षा की कमी है, जैसे - जैसे वे शिक्षित होंगे, मतांतरण भी कम होता जाएगा।

राहुल गांधी अपनी पार्टी को मजबूत कर रहे

राहुल गांधी की पदयात्रा को लेकर पूछे गए सवाल पर श्री जटिया का कहना था कि वे अपनी पार्टी की मजबूती और विस्तार के लिए पद यात्रा निकाल रहे हैं। वे अपना काम कर रहे हैं, हम अपना काम कर रहे हैं। उनकी पद यात्रा कितनी सफल होती है, यह तो वक्त बताएगा।

नर्मदा - शिप्रा लिंक परियोजना का विचार मेरा था

पूर्व केंद्रीय मंत्री सत्यनारायण जटिया ने कहा कि नर्मदा - शिप्रा लिंक परियोजना का सुझाव उन्होंने ही दिया था। पहले किसी ने उसपर ध्यान नहीं दिया। शिवराज सिंह सरकार ने उसकी अहमियत समझी और परियोजना को मूर्त रूप दिया ये अच्छी बात है। उन्होंने कहा कि गंभीर, पार्वती, कालीसिंध नदी परियोजनाओं पर भी काम किए जाने की जरूरत है ताकि हम अपने हिस्से के पानी का पूरा इस्तेमाल कर सकें।

अपने साहित्यकार होने की भी पेश की बानगी

सवाल - जवाब के दौरान डॉ.जटिया ने दीपावली पर्व की महत्ता की जानकारी देने के साथ दीप पर्व की शुभकामनाएं दी। उन्होंने अपने साहित्यकार होने का परिचय देते हुए पत्रकारों के आग्रह पर अपनी एक कविता भी सुनाई।

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