इन्दौर.
इन्दौर अभिभाषक संघ इन्दौर के पूर्व-अध्यक्ष गोपाल कचोलिया अभिभाषक ने बताया है कि बार कौंसिल ऑफ इण्डिया सर्टिफिकेट एण्ड प्लेस ऑफ प्रैक्टिस वैरीफिकेशन नियम 2015 के अन्तर्गत दिनांक 01 अप्रैल 2011 के पूर्व नामांकित अभिभाषकों को वैरीफिकेशन फार्म एवं 1 अप्रैल 2011 के बाद नामांकित अभिभाषकों को डिक्लेरेशन फार्म अनिवार्य रूप से भरना आवश्यक है.
जिन अभिभाषकों ने वैरीफिकेशन फार्म या डिक्लेरेशन फार्म नहीं भरा है, उन्हें कल्याणकारी योजनाओं का लाभ नहीं दिया जायेगा. फार्म नही भरने वाले अभिभाषकों का नाम परिषद की अभिभाषक नामांकन नामावली से भी हटा दिए जायेगा और वो विधि व्यवसाय करने के पात्र नहीं रहेंगे साथ ही उन्हें परिषद द्वारा किसी भी कल्याणकारी योजना का लाभ भी प्रदान नही किया जायेगा.
गोपाल कचोलिया ने सभी अभिभाषकों से अनुरोध किया है कि जिन अभिभाषकों ने 2015 से लेकर आज दिनांक तक अपनी सनद के वैरीफिकेशन के लिए वैरीफिकेशन फार्म या डिक्लेरेशन फार्म नहीं भरे हैं, वे शीघ्र- अतिशीघ्र फार्म भर दें.
जिन अभिभाषकों ने पहले ही अपनी सनद के वैरीफिकेशन हेतु वैरीफिकेशन फार्म या डिक्लेरेशन फार्म भर दिया है, उन्हें अभी दोबारा से फार्म भरने की आवश्यकता नहीं है. नये नियमों के अनुसार अब मध्यप्रदेश राज्य अधिवक्ता परिषद द्वारा ही मध्यप्रदेश राज्य अधिवक्ता परिषद के चुनाव और अभिभाषक संघों के चुनाव हेतु फोटोयुक्त मतदाता सूची तैयार की जाती है.
मतदाता सूची में केवल अपनी सनद का वैरीफिकेशन करवाने वाले अभिभाषकों का नाम ही शामिल रहता है और उन्हें ही चुनाव में मतदान करने और चुनाव लड़ने का अधिकार रहता है. इन्दौर अभिभाषक संघ इन्दौर के पूर्व-अध्यक्ष गोपाल कचोलिया ने बताया है कि अनेक अभिभाषकों ने इन्दौर अभिभाषक संघ इन्दौर की अस्थाई-सदस्यता तो ग्रहण कर ली है.
लेकिन बाॅर कौंसिल ऑफ इण्डिया के द्वारा आयोजित अखिल भारतीय बार परीक्षा AIBE उत्तीर्ण का परीक्षा परिणाम/रिजल्ट या परीक्षा उत्तीर्ण करने के पश्चात मध्य प्रदेश राज्य अधिवक्ता परिषद जबलपुर द्वारा उत्तीर्ण अभिभाषकों को भेजी गई मूल सनद, परिचय पत्र, अधिवक्ता कल्याण योजना का प्रमाण पत्र, बार कौंसिल ऑफ इण्डिया के द्वारा जारी विधि व्यवसाय करने का प्रमाण पत्र आदि की फोटो कॉपी सहित निर्धारित प्रारूप में अपनी इन्दौर अभिभाषक संघ इन्दौर की अस्थाई सदस्यता को नियमित/स्थाई सदस्यता में परिवर्तित करवाने के लिए कोई आवेदन पत्र संघ कार्यालय में जमा नहीं करवाया है. इस कारण उनके नाम आज भी संघ के अस्थाई सदस्यों के खाते में दर्ज है.
गौरतलब है कि "अस्थाई सदस्यता" ग्रहण करने वाले अभिभाषकगण जब तक अपने आवेदन पत्र सहित आवश्यक दस्तावेजों की फोटो कॉपी संघ कार्यालय में जमा नहीं करवायेंगे तब तक उनका नाम संघ के अस्थाई सदस्यों के खाते में ही दर्ज रहेगा और अपनी सनद का वैरीफिकेशन करवाने के बावजूद वो संघ के चुनाव में मतदान करने और चुनाव लड़ने के अधिकार से वंचित रह जायेंगे.
इसलिए गोपाल कचोलिया ने इन्दौर अभिभाषक संघ इन्दौर के सभी अस्थाई सदस्यों से अनुरोध किया है कि जिन सदस्यों ने अखिल भारतीय बार परीक्षा उत्तीर्ण कर ली है व परीक्षा परिणाम की फोटो कॉपी या मध्यप्रदेश राज्य अधिवक्ता परिषद जबलपुर द्वारा जारी मूल सनद, परिचय पत्र, अधिवक्ता कल्याण योजना के प्रमाण पत्र और बार कौंसिल आफ इण्डिया द्वारा जारी विधि व्यवसाय करने का प्रमाण पत्र की फोटो कॉपी सहित अपने आवेदन पत्र संघ कार्यालय में जमा करवाकर अपना नाम संघ के अस्थाई-सदस्यों के खाते से संघ के नियमित / स्थाई के खातों में दर्ज करवा लें। ताकि भविष्य में वे अपने किसी भी अधिकार से वंचित ना हो.