Sunil paliwal-Anil Bagora
इंदौर. इंदौर नगर निगम के लिए प्रस्तावित अत्याधुनिक और पर्यावरण अनुकूल मुख्यालय भवन के निर्माण को लेकर तैयारियाँ ज़ोरों पर हैं। इस संबंध में स्मार्ट सिटी कार्यालय में महापौर पुष्यमित्र भार्गव की अध्यक्षता में निर्माण एजेंसी (आर्किटेक्ट)के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक में नगर निगम आयुक्त शिवम वर्मा, सभी अपर आयुक्त, तथा एसआईसी सदस्य राजेंद्र राठौर, अश्विनी शुक्ल, राजेश उदावत, नंदकिशोर पहाड़िया, अभिषेक शर्मा बबलू, निरंजन सिंह चौहान सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
निर्माण एजेंसी ने बैठक में प्रस्तावित भवन की संपूर्ण योजना और उसकी विशेषताओं को प्रस्तुत किया, जिसमें तकनीकी, पर्यावरणीय और नागरिक सुविधाओं को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है।
भवन संरचना: बेसमेंट + भूतल + 8 मंज़िलें (दो खंडों में)
सदन/ऑडिटोरियम खंड: भूतल + 3 मंज़िलें | ऊँचाई: 12 मीटर
कुल ऊँचाई: 30 मीटर
खंडों की योजना: दो कार्यालय टावर, एक स्वतंत्र ऑडिटोरियम खंड
विभागीय वितरण: कुल 45 विभाग, 2500 कर्मचारियों की क्षमता के साथ
ऑडिटोरियम: 500 लोगों की क्षमता, साथ में जन शिकायत केंद्र, प्रदर्शनी हॉल, संग्रहालय, सार्वजनिक कैफेटेरिया
परियोजना लागत: ₹452.89 करोड़ (सभी करों सहित)
पार्किंग सुविधा: बेसमेंट, सतह और मल्टीलेवल पार्किंग में 620 वाहन
भूतल आवरण (ग्राउंड कवरेज): 25, हरित क्षेत्र को प्राथमिकता
ऊर्जा दक्षता :
ऐसी संरचना जिसमें एयर कंडीशनिंग के बिना भी पंखों से वातानुकूलन संभव
प्रत्येक फ्लोर पर बिजली की न्यूनतम खपत के उपाय
रूफ टॉप पर उच्च गुणवत्ता के सोलर पैनल
रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम और मास्टर टैंक की योजना
सजावट व रंग योजना:
इमारत का रंग विशेष तकनीक से तैयार
अगले 20 वर्षों तक रंग-रोगन की आवश्यकता नहीं होगी
महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने कहा कि यह भवन इंदौर की पहचान का प्रतिनिधित्व करेगा। उन्होंने निर्देश दिया कि भवन का इंटीरियर, डिज़ाइन व लेआउट इंदौर की संस्कृति, सभ्यता, स्वच्छता, व्यंजन, ऐतिहासिक धरोहर और विशिष्टता को प्रदर्शित करे ताकि देश-विदेश से आने वाले प्रतिनिधि इस शहर की पहचान से रूबरू हो सकें।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सार्वजनिक उपयोग से जुड़े विभागों को भूतल व उसके ऊपरी तल पर स्थान दिया जाए ताकि नागरिकों को आसानी हो, बिल्डिंग का निर्माण क्लीन ग्रीन ओर डिजिटल हो कंट्रोल कमांड सेंटर का निर्माण किया जाए ताकि पूरे शहर का कंट्रोल वहां से किया जा सके, बिल्डिंग में म्यूजियम का निर्माण भी किया जाए साथ ही दिव्यांग नागरिकों के लिए भी विशेष प्रावधान किए जाए.महिला कर्मचारियों के लिए फीडिंग कक्ष के साथ सामान्य जिमिंग और स्पोर्ट्स के लिए भी स्थान तय किया जाए,
इसके अतिरिक्त, महापौर ने कहा कि भवन निर्माण में उपयोग की जाने वाली सामग्री—फर्नीचर, सैनिटरी आइटम, फ्लोर स्टोन आदि—टिकाऊ व दीर्घकालिक हों, जिनकी एक्सपायरी अवधि न्यूनतम 30 वर्ष हो। प्रस्तावित खंडवार विभागीय विभाजन.
महापौर कार्यालय, कॉन्फ्रेंस हॉल, चुनाव शाखा
नगर आयुक्त कार्यालय, सहायक नगर आयुक्त, कॉर्पोरेट सलाहकार, लेखा विभाग
उद्यान विभाग, प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY), अग्निशमन विभाग
स्वास्थ्य विभाग, जन्म-मृत्यु-विवाह पंजीकरण
ई-नगर पालिका आईटी विभाग, गरीबी उन्मूलन प्रकोष्ठ
प्रधानमंत्री स्वनिधि विभाग, इंजीनियरिंग एवं विद्युत विभाग
स्टाफ सामान्य कक्ष, क्रेच, डाकघर, बैंक, महिला स्टाफ हॉल
भंडार प्रबंधन, जनगणना, विधिक विभाग
कॉलोनी प्रकोष्ठ, पुल विभाग
भवन अनुमति, राजस्व, आरटीआई, अतिक्रमण हटाने विभाग
मलजल निकासी, लेखा परीक्षा विभाग
स्थापना विभाग, खेल विभाग
परिवहन विभाग, लोक निर्माण/जनकार विभाग
योजना/सड़क विभाग, जल आपूर्ति विभाग
स्टाफ कैफेटेरिया, प्रयोगशाला, भंडार
ऊपरी भूतल – पार्किंग (60 वाहन)
निर्माण की समयसीमा और गुणवत्ता
निर्माण एजेंसी ने जानकारी दी कि सभी निर्माण कार्य गुणवत्ता, पर्यावरण सुरक्षा व दीर्घकालिक उपयोगिता को ध्यान में रखते हुए किया जाएगा।