रोहित पचौरिया
आज जारी हुई टीम सुमित मिश्रा की लिस्ट शायद गलत मुहूर्त्त में जारी हुई... यही कारण है कि लिस्ट सामने आने के बाद से ही अध्यक्ष मिश्रा ने जहां मोबाइल बंद कर लिया तो चंद घंटों के अंदर ही खाती समाज भाजपा कार्यालय पहुंच गया और नारेबाजी करते हुए सुमित मिश्रा के फोटो और नेम प्लेट पर कालिख तक पोत दी...
जीतू जिराती समर्थक व समाजजनों का आरोप है कि भूमाफिया, असामाजिक तत्वों से जुड़े लोगों को तवज्जो दी गई और हमारी ओर असल दावेदार मुंह ताकते रह गए... वहीं, खाती समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष पवन चौधरी का यह भी आरोप है कि खाती समाज के लोगों को प्रतिनिधित्व नहीं दिया गया, सिर्फ धनबल का उपयोग इस सूची में हुआ है...
भाजपा नेता व समाज के नीलेश चौधरी को कार्यकारिणी में स्थान नहीं मिलने की भी नाराजगी सामने आई और कार्यालय पर धावा बोल दिया... इधर, सवाल यह भी सामने आया कि इस बार ऐसा क्या हुआ कि मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के खास समर्थक जिराती इस बार एड्जस्ट नहीं हो पाए..? वहीं यह भी पूछा जा रहा है कि यह सारी 'जंग' वाकई जिराती को लेकर है या कहानी कुछ और सामने आएगी..?
जैसे ही सूची सामने आई और सियासी पंडितों ने 'मंत्र फूंकना' शुरू किया, तो यह बात भी निकलकर सामने आई कि आखिर 'तीन नम्बर' से ऐसी भी क्या दिल लगी कि यहां से एक नहीं दो-दो महामंत्री बना दिए गए... वहीं दीपेन्द्रसिंह सोलंकी, कैलाश पिपले, नितिन शर्मा, दीपेश पचौरी जैसे नाम भी शुक्ला समर्थकों के हैं और अध्यक्ष तो हैं हीं तीन नम्बरी... कुछ कह रहे हैं कि 'मोहन मोह' का असर है... जबकि कल ही भरे मंच से 'नम्बरों में घट-बढ़' की बात कही जा चुकी..!
वैसे तो कांग्रेस को लेकर ही कहा जाता रहा कि यहां शीर्ष नेतृत्व काम नहीं करता और इस पार्टी का नेता अगर कहीं से जीत भी जाए तो उसका श्रेय पार्टी को ना देते हुए नेता की निजी मेहनत को दिया जाता है... वहीं नाराज कांग्रेसियों द्वारा कुर्सी फेंकने से लेकर आपसी दंगल भी आए दिन सामने आते ही रहते हैं, जिसके फोटो-वीडियो भाजपाई ही सोशल मीडिया पर वायरल करते हुए उसे आड़े लेते हैं... लेकिन आज जिस तरह से इंदौर भाजपा कार्यालय पर नगर अध्यक्ष सुमित मिश्रा का पुतला जलाते हुए फोटो व नेम फ्लेट पर कालिख पोती गई, उससे भाजपा का अनुशासन तो तार-तार हुआ ही, वहीं पूर्व प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा की बात को भी कचरे के डिब्बे में फेंकने जैसी बातें भी कही जा रही है... जबकि शीर्ष नेतृत्व के आदेश को ही सर्वमान्य मानने जैसी बातें भाजपाई करते हैं..!
पूर्व लोकसभा स्पीकर व इंदौर की सांसद रहीं सुमित्रा महाजन ताई का तो खासा हस्तक्षेप भाजपा की लगभग हर गतिविधि में रहा ही, वहीं केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का भी खासा दखल इंदौर की राजनीति में रहता है... लेकिन आज जारी हुई इस सूची को लेकर जहां दागी नामों के होने के आरोप लग रहे, तो ताई-सिंधिया गुट से एक भी नाम ना होने से भी इन गुट के कई नेता नाराज हैं... हालांकि अब तक सिर्फ खाती समाज का ही विरोध खुलकर सामने आया, जबकि इस सूची से कई अन्य गुट भी नाखुश ही हैं..!
आज जैसे ही भाजपा प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल ने पदाधिकारियों की घोषणा करते हुए सूची जारी की, वैसे तो ही नाखुश नेताओं ने इस्तीफा देने की शुरुआत भी कर दी... अलग-अलग जगह से इस्तीफा देने वालों में अब तक जिन लोगों के नाम सामने आए उनमें अनिल अलेरिया, बूथ अध्यक्ष, अंकित परमार सोशल मिडिया प्रभारी उज्जैन संभाग, डॉ. अविनाश परवारी नगर संयोजक चिकित्सा प्रकोष्ठ, अखिलेश पटवारी सोशल मीडिया प्रभारी, नीरज नागदा वाला मंडल अध्यक्ष, राजा साहू - मंडल उपाध्यक्ष, वरुण सतोडिया मंडल उपाध्यक्ष, अरविंद पटेल पूर्व मंडल उपाध्याय, राज मोखानी बूथ अध्यक्ष, पंकज राणा बूथ अध्यक्ष, श्रीमती रशीदा बूथ अध्यक्ष, नजर जैनतवाला बूथ अध्यक्ष, रवि पटवारी पूर्व मंडल अध्यक्ष निलेश जाधव मंडल मंत्री, पार्थ मुंशी वार्ड संयोजक, अनिल श्रीवास्तव, मोहन सिंह पटेल बूथ अध्यक्ष, रवि बागवाला बूथ अध्यक्ष, प्रवीण विलाचतकर मंडल महामंत्री, विपिन पटवारी बूथ अध्यक्ष, अशोक सोलंकी बूथ अध्यक्ष, कमल चौधरी, विजेंद्र विजय जोशी मंडल महामंत्री, भावेश वर्मा युवा मोर्चा महामंत्री, सचिन हेतावल बूथ अध्यक्ष, कौशल गवली मंडल कार्यालय मंत्री, श्रीमती रेखा लोखंडे बूथ अध्यक्ष आदि के नाम शामिल हैं..!
मध्यप्रदेश में जब से नियुक्तियों का दौर शुरू हुआ तब अंदरुनी कलह जारी है और आज इंदौर में इसका खुला दृश्य आज देखने को मिल भी गया... लगातार सामने आ रहे विरोधों के चलते राजनीतिक चाणक्यों का कहना है कि अब शीर्ष नेतृत्व को फूंक-फूंककर कदम रखने की आवश्यकता है... वहीं यह भी कहा जा रहा है कि अगर इसी तरह विरोध बढ़ता गया तो शीर्ष नेतृत्व सामने आई सूची पर दोबारा विचार भी कर सकता है..!