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Indore News : संगीत सरगम ने केंद्रीय जेल में कैदियों के लिए अनूठी महफ़िल सजाई : तालियों से इस्तकबाल किया

इंदौर Published by: sunil paliwal-Anil Bagora Updated Wed, 08 Jan 2025 01:26 AM
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कल्पना के परे जेल में संगीत सरगम के कलाकारों का स्वागत हुआ

इंदौर. नववर्ष 2025 को संगीत सरगम ने विशेष रूप से केन्द्रीय जेल के कैदियों के लिए अपने कलाकारों द्वारा कैदियों को दुख,गम,अवसाद से निकालने के लिए संगीत की थेरेपी देने हेतु कार्यक्रम आयोजित किया।

संगीत सरगम के संस्थापक डॉ विवेक गावड़े ने बताया कि कार्यक्रम का शुभारंभ रमेश गुरु,करिश्मा तोंडे ने ए मालिक तेरे बन्दे हम से किया। उसके बाद रमेश गुरु, करिश्मा तोंडे, रोहित ओझा, आलोक वाजपेयी, योगेश्वर कान्हेरे ने अनेक गीत जैसे ईश्वर अल्लाह तेरो नाम, मधुबन खुशबू देता हैं, जिंदगी के सफर में गुजर जाते है, आदमी मुसाफिर हैं, जिंदगी की न टूटे लड़ी,ज्योत से ज्योत जलाते चलो,किसी राह में किसी मोड़ पर,कहना है कहना है ,रिमझिम गिरे सावन जैसे गीतों पर कैदियों से तालियों के साथ जम के वाहवाही लूटी।

सुपरिटेंडेंट अलका सोनकर और जेलर संतोष लड़िया जी ने संस्था के सभी कलाकारों का स्वागत किया। जेलर संतोष लड़िया ने तेरी आँखों के सिवा गीत से माहौल में रंग जमाया। सुपरिटेंडेंट अलका सोनकर ने कभी किसी को मुकम्मल, तू कितनी अच्छी है ओ माँ गीत गाकर अपने संगीत प्रेम से कैदियों से दाद ली। नन्हे कलाकार आराध्य लड़िया ने जब दीप जले आना और प्यार दीवाना होता हैं गीतों को सुनाकर दाद बटोरी।

विष्णुकांत शर्मा ने माउथ ऑर्गन पर कुछ बेहतरीन गीत सुनाए साथ ही आलोक वाजपेयी ने बांसुरी पर गीतों के साथ कुछ युगल गीत सुपरिटेंडेंट अलका सोनकर के साथ निभाये और कैदियों से वाहवाही लूटी। डॉ. विवेक गावड़े ने संगीत सरगम संस्था का परिचय दिया साथ ही संगीत द्वारा  कैसे बीमारियों से उपचार होता हैं और कैदियों को अवसाद से निकालने में संगीत कैसे सहायक होता हैं उसके लिए विभिन्न रागों के गीतों का चयन किया।

करीब 4 घण्टे तक संगीत सरगम ने गीतों द्वारा केंद्रीय जेल के कैदियों को अनूठी महफ़िल द्वारा अचंभित कर दिया। सुपरिटेंडेंट अलका सोनकर और जेलर संतोष लड़िया ने कैदियों को संगीत द्वारा उनके आचरण को सुधारने हेतु जेल में संगीत के वाद्यों के साथ संगीत के उपकरण भी जेल में लगाये है। इंदौर की केंद्रीय जेल में इस तरह के संगीत थेरेपी के प्रयोग की पहल वाकई सराहनीय हैं। कार्यक्रम में श्रीधर कामत, मिलिंद गुप्ते, जय गावड़े, मोहित विरहे भी मौजूद थे।

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