इंदौर : जैनियों के शास्वत तीर्थ क्षेत्र सम्मेद शिखर की पहाड़ियों को भारत सरकार के पर्यावरण एंव वन मंत्रालय की अनुमति से झारखंड सरकार पर्यटन स्थल व वन्य जीव अभ्यारण क्षेत्र घोषित कर दिया है।
सरकार की इस नीति के खिलाफ क्रांतिकारी संत मुनि श्री आदित्य सागर जी महाराज ने कहा अहिंसक है , पर कायर नही , शासन इस बेतुकेपन निर्णय को वापस ले। यदि सामाज जनों के प्रयासों से बात नहीं बनती है तो साधु भी सड़क पर उतरने से नहीं हिचकेगा और तीर्थ रक्षा के लिए हम उतरेंगे। सरकार को यह निर्णय वापस लेना होगा। जैन समाज में तीव्र रोष है , सरकार की इस योजना की तीव्र भर्त्सना हो रही है।
सम्मेद शिखर जैनियों का सबसे बड़ा तीर्थ है जो अनादिकाल से है,जैनियों के चौबीस तीर्थंकर भगवान में से बीस तीर्थकर यही से मोक्ष गए है, सरकार की यह योजना हमारी आस्था पर प्रहार है, जो संविधान के भी ख़िलाफ़ है। अभ्यारण एंव पर्यटन स्थल घोषणा के गजट नोटिफिकेशन वापस लेने की माँग को लेकर अहिंसक जैन समाज पूरे देश में आंदोलन कर रहा है।
विश्व जैन समाज संगठन इंदौर इकाई की अगुवाई में रविवार दिनांक 11 दिसंबर 2022 को विशाल मौन रैली प्रातः दस बजे राजबाडा से गाँधी प्रतिमा तक निकाली जाएगी। जिसमें हज़ारों की संख्या में समाज जन शामिल होगें। मौन रैली अहिंसा के पुजारी गांधी जी की प्रतिमा के समक्ष ज्ञापन वाचन करेगी। प्रधानमंत्री मंत्री जी के नाम यह ज्ञापन होगा।