इंदौर । अमेरिकी एजेंसी एफआईबी के अनुसार, Covid-19 महामारी के प्रसार के दौरान दुनिया भर में साइबर हमले की 300वृद्धि हुई। 12 मार्च 2021, एमिटी यूनिवर्सिटी द्वारा "डिजिटल दुनिया में साइबर सुरक्षा- एक अवलोकन" पर एक ऑनलाइन वेबिनार का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम के मुख्य वक्ता प्रो.गौरव रावल थे, जो एक साइबर क्राइम विशेषज्ञ, प्रशिक्षक और वक्ता है। प्रो. रावल ने साइबर क्राइम के विभिन्न कारणों और रोकथाम के बारे में छात्रों को बताया। सभी सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर छात्रों को सुरक्षा और गोपनीयता के पहलुओं को समझाया गया। ऑनलाइन लेनदेन, संचार में आसानी, फ़िशिंग, विशिंग और भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000/2008 पर चर्चा की गई। उन्होंने साइबर अपराध से प्रभावी ढंग से जूझने में भारतीय कानून और सुरक्षा एजेंसियों के सामने आने वाली चुनौतियों को बहुत गहराई से समझाया। प्रो. गौरव रावल ने साइबर क्राइम में नवीनतम रुझानों पर ध्यान केंद्रित किया, जैसे कि स्पूफिंग, साइबरस्टॉकिंग, साइबरबुलिंग, जूसजैकिंग, ऑनलाइन रोमांस, सेक्स्टॉर्शन पर भी व्यापक रूप से चर्चा की गई। छात्रों ने आईटी अधिनियम 2000 की धारा 67, 67 ए, 67 बी और आईपीसी के तहत 354 डी और 509 जैसे धारा के बारे में सीखा है। आखिरकार, वर्तमान मुद्दों व विषयों पर चर्चा गई, बोटनेट हमलों और स्टेग्नोग्राफ़ी पर संक्षिप्त में चर्चा की गई और साइबर चोरों से लोग खुद को कैसे सुरक्षित कर सकते हैं। प्रो. गौरव रावल ने तब बताया कि कैसे हम अपने एंड्रॉइड स्मार्टफोन की कैमरा सेटिंग्स से जियो-टैगिंग विकल्प को बंद कर सकते हैं। उन्होंने प्रतिभागियों से अनुरोध किया कि कृपया सुनिश्चित करें कि उनके सामाजिक नेटवर्किंग प्रोफाइल (जैसे फेसबुक, ट्विटर, आदि) निजी पर सेट हैं। लगातार अंतराल के भीतर सुरक्षा सेटिंग्स की जाँच करें। उन्होंने कहा कि इस बारे में अधिक सावधानी बरतें कि हम किस तरह की जानकारी ऑनलाइन पोस्ट और खोज रहे हैं। उन्होंने घर पर वाई-फाई (वायरलेस) नेटवर्क के बारे में भी बताया, अगर वे ठीक से सुरक्षित नहीं हैं, तो घुसपैठ की आशंका है। कृपया डिफ़ॉल्ट सेटिंग्स को बार-बार देखें और संशोधित करें। इस सत्र ने कॉलेज के छात्रों को सोशल मीडिया के माध्यम से होने वाली नकारात्मकताओं से अवगत कराने में एक प्रमुख भूमिका निभाई है। उद्देश्य यह सीखना था कि डिजिटल दुनिया में ऑनलाइन उपस्थिति को कैसे सुरक्षित किया जाए । अंत में प्रोफेसर गौरव रावल ने ऑनलाइन और सुझाए गए समाधानों में आम मुद्दों का वर्णन किया। उन्होंने बताया, मदद के लिए सही व्यक्ति को कॉल करें क्योंकि यदि पहचान की चोरी या वाणिज्यिक घोटाले के माध्यम से एक कंप्यूटर अपराध का संदेह है, तो तुरंत स्थानीय पुलिस को इसकी सूचना दें। या www.cybercrime.gov.in के माध्यम से ऑनलाइन रिपोर्ट करें । इसके बाद दर्शकों के सवालों का समाधान किया गया। अंत में, धन्यवाद के साथ इस कार्यक्रम का समापन हुआ। यह ज्ञानवर्धक और सफल सभा थी। पूरे भारत से AMITY UNIVERSITY के छात्रों और संकाय सदस्यों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। वेबिनार का नेतृत्व निदेशक डॉ. राजीव सैमुअल ने किया और श्री गिरीश भाटिया वरिष्ठ प्रबंधक एमिटी ग्लोबल बिजनेस स्कूल द्वारा संचालित किया गया।
● पालीवाल वाणी ब्यूरो-Ayush Paliwal-Pulkit Purohit...✍️