इंदौर : शनिदेव सज्जनों पर कृपा की वर्षा और दुर्जनों पर क्रूरता का दंड देने वाले ऐसे देव है, जो न्याय की तराजू का सम्मान करते हैं। शनिदेव जैसे देवता ही कलियुग में विकृतियों को दूर कर एक संस्कारवान समाज की स्थापना कर सकते हैं। कर्मों का फल दिए बिना शनिदेव चुप नहीं बैठ सकते। उनका न्याय अंधा नहीं होता है। वे अकारण न तो सजा देते हैं, न ही कृपा करते हैं। उनकी कृपा पाने के लिए निर्मल मन, शुद्ध चरित्र एवं सात्विक कर्म होना चाहिए।
ये विचार हैं अतिथि संतों के, जो उन्होंने आज शाम यंग इंडिया क्लब के तत्वावधान में जिंसी चौराहा स्थित प्राचीन मंशापूर्ण शनिदेव मंदिर पर आयोजित तीन दिवसीय शनि जंयती महोत्सव के मुख्य प्रसंग पर महाआरती एवं सत्संग के दौरान व्यक्त किए। इसके पूर्व सुबह से शाम तक मंदिर पर पूजा-अर्चना, श्रृंगार, वट पूजा, यज्ञ-हवन सहित विभिन्न अनुष्ठानों में तीन हजार से अधिक भक्तों ने शामिल होकर शनिदेव की प्रसन्नता के लिए प्रार्थना की। अतिथियों का स्वागत क्लब के अध्यक्ष श्याम अग्रवाल, रमेश यादव, डॉ. निर्मल महाजन, यशवंत गायकवाड़, सुदेश दीक्षित, मोहित अग्रवाल आदि ने किया। इस अवसर पर महोत्सव में आने वाले सभी भक्तों को शनि पीड़ा निवारण पुस्तिका का निःशुल्क वितरण भी किया गया।
आज शनि जयंती के मुख्य महोत्सव में हंसदास मठ के रामचरणदास महाराज, लक्ष्मणदास महाराज, महंत दयारामदास महाराज पीपलखूंटा, महंत राधे-राधे बाबा, डॉ. स्वामी चेतन स्वरूप, फलाहारी आश्रम के महंत श्रीराम महाराज, कोटा के लक्ष्मणदास महाराज, वीर वीरेश्वर महादेव मंदिर सुभाष मार्ग के महंत देवकीनंदनदास, महंत नानक साहेब कबीरपंथी, के सानिध्य में राष्ट्रकवि पं. सत्यनारायण सत्तन, पूर्व विधायक सुदर्शन गुप्ता, विधायक संजय शुक्ला, विशाल पटेल सहित अनेक जन प्रतिनिधि भी उपस्थित थे, जिन्होंने संध्या आरती में भाग लेकर शनि पीड़ा निवारण पुस्तिका का निःशुल्क वितरण किया। पिछले तीन दिनों में यहां 2200 भक्तों को इस पुस्तिका का वितरण किया गया।