एप डाउनलोड करें

Indore news : खुद नगर निगम के ही दीया तले है,अंधेरा : प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बनाए गए गुलमर्ग परिसर का

इंदौर Published by: paliwalwani Updated Sun, 08 Sep 2024 07:30 PM
विज्ञापन
Follow Us
विज्ञापन

वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें

आवासीय परिसर में नगर निगम के नियम पसंदों ने बना डाली दुकानें,अब पार्किंग को लेकर चिंतित स्थानीय रहवासी 

अमित त्रिवेदी पत्रकार 

इंदौर. नगर निगम इंदौर के महापौर, कमिश्नर से लेकर अपर आयुक्त, बीओ और बीआई समय समय समय पर निजी बिल्डरों निगाहें बनाए रखते है कि कहीं स्वीकृत नक्शे के विपरीत तो कहीं उस बिल्डर ने निर्माण नही कर डाला है। खासतौर से बहुमंजिलाओ को लेकर नगर निगम इंदौर का चुस्त दुरुस्त अमला काफी ज्यादा सक्रिय रहता है।

ताकि बहुमंजिला कोई सी भी हो। लेकिन वहां एम ओ एस की जगह छोड़ी गई हो। व्यवस्थित और पर्याप्त पार्किंग को लेकर निगम अमला ऐसी नक्शा विपरीत बिल्डिंग पर कार्यवाही करने,कभी कभार सिर्फ नोटिस भेजने में भी कोई कोताही नहीं बरतता है। ताकि बहुमंजिलाओ में अपने पूरे जीवन की गाढ़ी कमाई का पैसा लगाने वाले रहवासियों को व्यवस्थित और पर्याप्त पार्किंग मिल सके।

लेकिन देश के भावी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना पीएम आवास योजना के तहत बनाए गए गुलमर्ग परिसर में नगर निगम अधिकारियों ने जो नियमों का मखौल उड़ाया है। उसे देखकर यहीं प्रतीत होता है कि नगर निगम जैसे जगमगाते दीपक के नीचे ही अंधेरा है। दरअसल बात गुलमर्ग परिसर के ब्लॉक बी 10,11 और 12 की बात की जाए तो यहां कुल 216 फ्लैट नगर निगम ने तय दामों पर बेच तो डाले है।

फिलहाल यहां सिर्फ मौजूदा 216 फ्लैट्स  में महज 20 प्रतिशत ही फ्लैट्स में रहवासी रहने आए है। लेकिन अब उन्हे यहां पर आगामी भविष्य में पार्किंग की चिंता अभी से सताने लग गई है। दरअसल वह इसलिए क्योंकि यहां कुल 216 फ्लैट में अगर सभी रहवासी रहने आ गए तो फिर पार्किंग को लेकर रोजाना विवाद वाली स्थिति बनना लगभग तय है। क्योंकि नगर निगम के नियम पसंद अधिकारियों द्वारा आवासीय परिसर में व्यवसायिक गतिविधियां संचालित करने हेतू पार्किंग के स्थान पर दुकानों का निर्माण जो कर दिया है।

लिहाजा अब रहवासी ऐसे हालातों फिलहाल अभी से आगामी भविष्य में पार्किंग की चिंता में ग्रस्त है। हालाकि रहवासियों द्वारा पीएम आवास योजना प्रभारी से लेकर उक्त समस्या से नगर निगम के हर किसी जिम्मेदार को अवगत कराने का पूरा प्रयास किया गया। लेकिन निगम के इन नियम पसंदो के कानो में जूं तक रेंगने को तैयार नहीं है। इन हालातों अब रहवासी करें यहीं कि या तो धरने पर बैठ जाए या किसी बड़े चक्काजाम को अंजाम दें। ताकि नगर निगम से जुड़ा कोई जिम्मेदार तो जागे। नही तो देश के भावी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना पर नगर निगम इंदौर के जिम्मेदार बट्टा लगा ही चुके है।

और पढ़ें...
विज्ञापन
Next