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Indore News : दोपहिया जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र घर बैठे भी बनवा सकते हैं : जन्म से लेकर 21 दिन तक मिलेगा निःशुल्क प्रमाण पत्र फिर लगेगा विलंब शुल्क

इंदौर Published by: sunil paliwal-Anil Bagora Updated Sun, 02 Jun 2024 09:11 PM
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  • जन्म - मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने में देरी की तो अब देना होगा विलंब शुल्क, व्यवस्था में किया गया है ये बदलाव 
  • नई व्यवस्था में 21 दिन बाद एक माह के भीतर प्रमाणपत्र बनवाएंगे तो 12 रुपये विलंब शुल्क देना होगा। एक माह बाद से एक वर्ष के भीतर 55 रुपये, एक वर्ष बाद 60 रुपये विलंब शुल्क देना होगा
  • व्यवस्था में किया गया है बदलाव, शासकीय कार्यालयों के नहीं लगाने होंगे चक्कर
  • जन्म से 21 दिन तक- नि:शुल्क लगेगा विलंब शुल्क

इंदौर. कई बार लोग जरूरत पड़ने पर ही जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने के लिए शासकीय कार्यालयों में पहुंचते हैं, लेकिन अब यह देरी उन्हें महंगी पड़ेगी, क्योंकि सरकार के योजना एवं सांख्यिकी विभाग ने सोमवार से जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए नई व्यवस्था लागू कर दी है। इसमें अब प्रमाण पत्र बनवाने में देरी करने पर विलंब शुल्क चुकाना पड़ेगा।

अधिकारियों के मुताबिक, यदि 21 दिनों के अंदर जन्म प्रमाण पत्र बनवा लिया जाता है तो इसका कोई शुल्क नहीं लगेगा। इसके बाद जितनी देरी करते जाएंगे, उतना ही शुल्क देना होगा। नई व्यवस्था में 21 दिन बाद एक माह के भीतर प्रमाणपत्र बनवाएंगे तो 12 रुपये विलंब शुल्क देना होगा।

एक माह बाद से एक वर्ष के भीतर 55 रुपये, एक वर्ष बाद 60 रुपये विलंब शुल्क देना होगा, साथ ही एसडीएम का आदेश भी इसके साथ लगेगा, यानी 10 वर्ष बाद बच्चे का जन्म-प्रमाण पत्र बनवाने जाएंगे तो 600 रुपये तक विलंब शुल्क देना होगा। यही व्यवस्था मृत्यु प्रमाण पत्र में भी लागू होगी। इसमें सात दिन के बाद विलंब शुल्क देना होगा।

जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र घर बैठे भी बनवा सकते हैं 

नई व्यवस्था लागू होने से लोगों को अब जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने के लिए शासकीय कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। वे घर बैठे भी प्रमाण पत्र के लिए आवेदन कर सकते हैं, जिससे उनके मेल पर प्रमाण पत्र मिल जाएगा। इसके लिए वेबसाइट पर मोबाइल नंबर और आधार नंबर से पंजीयन करना होगा।

मांगी गई सभी जानकारी इसमें भरनी होगी। इसके बाद मेल पर प्रमाण पत्र तय समय सीमा में मिल जाएगा। बता दें कि अब तक जन्म और मृत्यु का प्रमाणपत्र संबंधित अस्पताल या स्थानीय निकाय से लेना होता था। इसके लिए लोगों को कार्यालयों के चक्कर लगाना पड़ते थे, जिससे समय और पैसे दोनों की बर्बादी होती थी।

मृत्यु प्रमाण पत्र में अब जन्मतिथि भी दर्ज होगी पहले मृत्यु प्रमाण पत्र में सिर्फ मृतक की उम्र लिखी जाती थी, लेकिन अब इसमें आधार नंबर और मृतक की जन्म तिथि भी लिखी जाएगी, ताकि सही आयु का रिकॉर्ड पोर्टल पर दर्ज हो सके। बता दें कि शहर में नगर निगम कार्यालय के अलावा शासकीय अस्पतालों में भी प्रमाण पत्र बनवाने की सुविधा लोगों को मिल रही है।

इनका कहना है 

जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने के लिए सीआरएस पोर्टल में कुछ बदलाव किए गए हैं, जिससे अब लोग घर बैठे ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। उन्हें मेल पर प्रमाण पत्र मिल जाएगा और उन्हें कार्यालय नहीं आना पड़ेगा। इस व्यवस्था को लागू कर दिया गया है। - डॉ. अखिलेश उपाध्याय, मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी, नगर निगम, इंदौर

जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने के लिए व्यवस्था में बदलाव हुआ है। इसके कारण शुरुआती दिनों में थोड़ी समस्या हो सकती है, लेकिन सभी के प्रमाण पत्र बन रहे हैं। इसके लिए कंप्यूटर आपरेटर की ट्रेनिंग भी हुई है।

डॉ. अशोक यादव, अधीक्षक, एमवाय अस्पताल, इंदौर

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