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Indore News : कर्म की इस व्यवस्था को समझ जाओगे तो आपका सारा दुःख और प्रलाप मिट जाऐगा : मुनिश्री प्रमाणसागर महाराज

इंदौर Published by: sunil paliwal-Anil Bagora Updated Sat, 14 Dec 2024 12:20 AM
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कार्यक्रम में सभी समाजवंधु पधारने की कृपा करें

राजेश जैन दद्दू 

इंदौर 

आज मुनि श्री ने दलाल बाग में अपनी मंगलमय देशना में कहा कि जब बुरा बक्त आये तो प्रयास करो उससे ज्यादा जूझो मत जैसे समय की धार से जूझने बाला तिनका क्षत विक्षत किनारे फिक जाता है जबकि समय की धारा के साथ जो तिनका आगे बड़ता है वह अपने लक्ष्य को पाकर समुद्र में मिल जाता है।

धर्म समाज प्रचारक राजेश जैन दद्दू एवं प्रवक्ता अविनाश जैन ने बताया कि  मुनि श्री ने कहा कि आज हर व्यक्ति अपने जीवन व्यवस्था से संतुष्ट नजर नहीं आता,उसकी दृष्टि हमेशा दूसरों की ओर रहती है उसके पास इतना क्यों? मेरे पास क्यों नहीं? राग द्वेष करने से कुछ नहीं मिलता वह चित्त को और वैचैन करता है,संत कहते है कि "प्राप्त को यदि पर्याप्त मान लोगे तो राग द्वैष से बच जाओगे।

मुनि श्री ने कहा आप लोग "मेरी भावना" में पड़ते है "होकर सुख में मग्न न फूले, दुःख में कभी न घबराये,पर्वतनदी-श्मशान-भयानक,अटवी में नहिं भय खाये" इन्ही दौनों लाईन में संपूर्ण आध्यात्म का रहस्य छिपा हुआ है, मुनि श्री ने समझ- स्वीकार- श्रद्धान और समता पर चर्चा करते हुये कहा कि "समझ" जब आध्यात्मिकता के साथ आती है, तो "श्रद्धान" पक्का होता है, जब श्रद्धान को मन से स्वीकार कर लोगे तो आपके अंदर स्वतः समता आ जाऐगी तथा पर पदार्थों के प्रति ममत्व भाव समाप्त हो जाएगा।

उन्होंने कहा कि कर्म के सिस्टम को समझो जो कर्म की व्यबस्था को समझ लेता है, वह कभी दुःखी नहीं रहता मुनि श्री ने एक घटना सुनाते हुये कहा कि एक युवक की शादी अधर्मी और शकीली युवती से हो गयी बात बात पर वह अपने पति से लड़ती और शक करती थी लोगों ने कहा कि उससे डिवोर्स ले लो लेकिन युवक समझदार तथा हम लोगों से जुड़ा हुआ था आध्यात्म को समझता था उसने सोचा कि यदि इसे में छोड़ दूंगा तो यह और पागल हो जाऐगी उसने कर्मजन्य संयोग मानकर उसे निभाया और समय आने पर वह ठीक हुई और आज वह परिवार सुखी है।

दूसरी घटना में मेरे संपर्क में एक और व्यक्ति है जिसका आज भी करोड़ों का कारोबार है एक बार उसे व्यापार में 85 लाख का नुकसान हुआ उसने उस नुकसान की परवाह न कर 15 लाख रुपये की बोली लेकर दान और कर दिया लोगों ने उससे कहा कि अभी अभी तो तुम्हारा नुकसान हुआ है तो उसने कहा कि यह नुकसान पिच्यासी लाख का हुआ करोड़ का भी हो सकता था आज नुकसान हुआ है तो कल नफा भी हो सकता है,उसकी यह दृष्टि आध्यात्म की दृष्टि थी समय आया और वह आज संपन्नता की ऊंचाइयों पर है।

तीसरा शास्त्रोक्त उदाहरण "अंजना" का दिया जिसमें कर्म ने उसे ससुराल और मायके दोंनों ने स्वीकार न कर  गर्भस्थ स्थिति में वियावान जंगल में पहुंचा दिया लेकिन उसने कर्म की उस व्यवस्था को स्वीकार कर अपनी समझ सेअसाधारण कार्य किया और प्रतिकूल परिस्थितियों में नौ माह तक उस वियावान जंगल में निकाले और कामदेव पुत्र को जन्म दिया। मुनि श्री ने कहा कि तत्व के प्रति पक्का श्रद्धान होगा और संसार की विचित्रता को समझोगे तो प्रतिकूल संयोग में भी कोई आपको आपकी श्रद्धा से डिगा नहीं पाऐगा और यदि श्रद्धान आपका कमजोर होगा तो आप टोना टोटका तथा अंधविश्वास के शिकार होकर इधर उधर भटक जाओगे।

इस अवसर पर मुनि श्री निर्वेगसागर महाराज मुनि श्री संधान सागर महाराज सहित समस्त क्षुल्लक गण मंचासीन रहे राजेश जैन दद्दू ने बताया आज की धर्म सभा का शुभारंभ महोत्सव के सो धर्म इन्द्र परिवार के भुपेंद्र साधना जैन, नरेंद्र नायक,कमल जैन चेलेजर एवं ट्रस्ट के कार्य अध्यक्ष डॉ. जैनेन्द्र जैन महामंत्री विपुल बाझल ने मांगलिक क्रिया सम्पन्न करी। 14 दिसंम्वर 2024 शनिवार को प्रातः7.30 से 8.45 तक "भावनायोग" होगा.

15 दिसंम्वर 2024 रविवार को मुनिसंघ रेवतीरेंज में आयोजित सहस्त्रकूट जिनालय के पुनर्जक बीड़ी वाला परिवार के प्रमुख नरेंद्र कुमार जी जैन, आजाद कुमार जी जैन, अशोक कुमार जी जैन, डॉक्टर राकेश राजीव जैन समस्त बीड़ी वाला परिवार के द्वारा भूमीपूजन संपन्न होगा एवं सिलान्यास समारोह जो कि दौपहर एक बजे से प्रारंभ होगा उसमें शामिल होंगे उपरोक्त कार्यक्रम मुनि श्री विनम्र सागर महाराज स संघ सानिध्य में दौपहर एक बजे से संपन्न होंने जा रहा है. दयोदय फाउंडेशन चैरिटेबल ट्रस्ट रेवतीरेंज ने सकल दि. जैन समाज इंदौर से निवेदन किया है कि उपरोक्त कार्यक्रम में सभी समाजवंधु पधारने की कृपा करें.

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