इंदौर.
महिलाओं के स्वास्थ्य पर क्रिएट स्टोरीज एनजीओ द्वारा एक आश्रम में आयोजित परिचर्चा में विक्रम अवॉर्डी पंकज सोनी ने जानकारी सांझा की एवं योग कराया।
द बर्निंग स्टूडियो के योग प्रशिक्षक पंकज सोनी ने बताया आज महिलाएँ समाज रूपी वृक्ष की जड़ों की तरह हैं, इसलिए उन्हें मानसिक और शारीरिक रूप से मजबूत बनाए रखना आवश्यक है। किसी भी रूप में शारीरिक गतिविधि की कमी हमारी समस्याओं को और बढ़ा देती है।
कई लोगों का मानना है कि महिलाओं के लिए योग के फायदे एक मिथक है, लेकिन यह सच नहीं है। नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन के एक हालिया अध्ययन के अनुसार, योग का अभ्यास करने वाले लगभग 92.16लोगों ने पाया है कि योग ने उनकी जीवनशैली को अच्छे के लिए बदल दिया है।
योग एक ऐसी प्रथा है जो वर्षों से हमारे आसपास रही है। कुछ समय तक इसे नज़रअंदाज़ किया गया। हालाँकि हाल ही में, यह वर्कआउट न केवल भारत में बल्कि दुनिया भर में एक ट्रेंडसेटर बन गया है। इसके बारे में सबसे अच्छी बात यह है कि आप इसे कहीं से भी कर सकते हैं - घर, आश्रम या अपने कार्यालय।
मूल आधार यह है कि यह आंतरिक आत्म और आत्म-जागरूकता पर केंद्रित है। योग के तीन रूप हैं - प्राणायाम (साँस लेने का व्यायाम), आसन (योग मुद्राएँ) और शवासन (आराम की अवधि)। जब एक महिला स्वास्थ्य होती है तब वह प्रसन्न रहती है वह अपने आप को सक्रिय, सृजनशील, समझदार तथा योग्य महसूस करती है।
संतुलन आहार - रेडी-टू-ईट या प्रोसेस्ड फूड की तुलना में घर पर बने भोजन को प्राथमिकता दें।
वर्कआउट - हर दिन कम से कम 30 मिनट तक व्यायाम करें। यह सैर, जिम, ज़ुम्बा आदि हो सकता है। इसमें केवल शारीरिक गतिविधि शामिल होनी चाहिए ।
ध्यान करें - ध्यान करने से तनाव कम होता है, चिंता से राहत मिलती है और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है ।
पानी - शरीर को हाइड्रेटेड और विषाक्त पदार्थों से साफ रखने के लिए पानी का सेवन महत्वपूर्ण है। यह मस्तिष्क के कार्य को अधिकतम करता है और गुर्दे की पथरी को रोकता है ।
कार्य-जीवन संतुलन - करियर बनाना बहुत अच्छी बात है, लेकिन व्यक्ति को यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि उसका जीवन भी सक्रिय हो।