इंदौर. सनातन राजस्थानी संस्कृति के महापर्व गणगौर के पावन अवसर पर टीम AGBSN मातृशक्ति अत्यंत हर्ष के साथ आप सभी को सशुल्क गणगौर के बाने में सपरिवार, ससमाज, सखी सहेली सहित आनंद लेने के लिए आमंत्रित कर रही है । हर्षोत्सव इस प्रकार है.
■ दिन : आज बुधवार 3 अप्रैल 2024
■ स्थान : श्री महर्षि गौतम ट्रस्ट एयरपोर्ट रोड से श्री श्री विद्याधाम
■ समय : शाम 4 बजे से शुरू
■ ड्रेस कोड : लहंगा चुन्नी
■ विशेष उपहार : बेस्ट ड्रेस, बेस्ट ईसर गणगौर
हम विश्वास रखते है कि भगवान शिव एवं माता पार्वती आप सभी के जीवन में सुख-समृद्धि बनाए रखे.
गणगौर शब्द गण और गौर दो शब्दों से मिलकर बना है. जहां ‘गण’ का अर्थ शिव और ‘गौर’ का अर्थ माता पार्वती से है. दरअसल, गणगौर पूजा शिव-पार्वती को समर्पित है. इसलिए इस दिन महिलाओं द्वारा भगवान शिव और माता पार्वती की मिट्टी की मूर्तियां बनाकर उनकी पूजा की जाती है.
इसे गौरी तृतीया के नाम से भी जाना जाता है. मान्यता है कि इस व्रत को करने से महिलाओं को अखण्ड सौभाग्य की प्राप्ति होती है. भगवान शिव जैसा पति प्राप्त करने के लिए अविवाहित कन्याएं भी यह व्रत करती हैं. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, माता पार्वती भगवान शिव के साथ सुहागन महिलाओं को अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद देने के लिए भ्रमण करती हैं. महिलाएं परिवार में सुख-समृद्धि और सुहाग की रक्षा की कामना करते हुए पूजा करती हैं.