इंदौर :
इंदौर की पद्मावती कॉलोनी निवासी (Resident of Padmavati Colony) मायावती माया नायर को पेट में तेज दर्द होने के बाद 20 मार्च 2007 को डॉ. नीरजा पौराणिक को दिखाने के लिए ले गए थे। डॉक्टर ने कुछ जांचे लिखी। उसके बाद 27 मार्च 2007 को डॉ. नीरजा पुराणिक (Dr. Neerja Puranik) और डॉक्टर आशुतोष सोनी ने माया नायर का मुंबई अस्पताल में ऑपरेशन किया। बाद में फ्लूड समस्या आने पर फिर टांके काटे गए। मरीज ने यह आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी दाहिनी ओवरी में गठान होने से उसे ऑपरेशन कर निकाला था। लेकिन उसकी बाईं कोहनी और अपेंडिक्स भी उनकी बगैर सहमति के निकाल दिया गया।
ऑपरेशन के दौरान यूरोलॉजिस्ट को नहीं रखा गया और यही कारण रहा कि मरीज को बाद में काफी परेशानी उठाना पड़ी। मरीज ने अस्पताल प्रबंधन सहित डॉक्टरों को न्यायालय में चुनौती दी। इस तरह के तकनीकी प्रकरण को लेकर न्यायालय ने हर पहलु पर अध्ययन किया और मरीज के पक्ष में फैसला दिया। जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग क्रमांक-2 में सुने गए इस प्रकरण पर अध्यक्ष सरिता सिंह व सदस्य शैलेंद्र सिंह ने आज फैसला सुनाया।
शैलेंद्र सिंह ने माया नायर के पक्ष में फैसला देते हुए डॉ. नीरजा पुराणिक, डॉ. आशुतोष सोनी, बॉम्बे हॉस्पीटल आदि पर लापरवाही बरतने के आरोप में 6 लाख रुपये परिवादी (पीडि़त पक्ष) को अदा करने के आदेश दिए। साथ ही मानसिक त्रास की राशि के रूप में 50 हजार रुपये तथा 10 हजार रुपये प्रकरण व्यय भी अदा करने के आदेश दिए हैं। यह राशि 30 दिनों के अंदर देने की बात फैसले में कही गई है।