देवी अहिल्या की नगरी इंदौर में तेजी से पाँव पसारते ड्रग्स के नशे के खिलाफ ख़ुलासा फर्स्ट की एकाकी लड़ाई को गुरुवार को शहर के साथ साथ आला अफसरों का भी साथ और संबल मिला। शहर की कानून और व्यवस्था को संभालने वाले तंत्र ने स्वीकारा की वाकई ये गंदगी खतरनाक स्तर पर है और शहर पर अब सिर चढ़कर बोलने लगी है। इंदौर पूरे प्रदेश में सबसे ज्यादा ड्रग्स मामले वाला शहर हो गया हैं।
आला अफसरों ने ये भी स्वीकारा की ऐसा कोई दिन नही बीतता जब कोई न कोई परिजन अपने बच्चो की इस ड्रग्स की नशाख़ोरी से दुःखी होकर हम तक नही आता। शहर भी इस चिंता में शामिल हुआ। अफ़सरो ने भरोसा दिलाया कि चिंता न करे। सब पर नजर हैं। हर हाल में ड्रग्स की सप्लाई चेन को जल्द ही नेस्तनाबूद कर देंगे।
ड्रग्स के खिलाफ चिंता में ये भी निकलकर आया कि शहर के कुछ थाना क्षेत्र इस बुराई के गढ़ बनते जा रहे हैं। इसमे खजराना, आजाद नगर, सदर बाजार, चंदन नगर, बाणगंगा और द्वारकापुरी अहम हैं। इन थाना क्षेत्रों में 100 से ज्यादा एनडीपीएस एक्ट के केस दर्ज हुए है। ये भी खुलासा हुआ कि एमडी ड्रग्स और ब्राउन शुगर के सबसे ज्यादा केस इंदौर में ही दर्ज हुए हैं।
ड्रग्स के खिलाफ शहर में चल रही लड़ाई के ख़ुलासा फर्स्ट के एकाकी प्रयासों को गुरुवार को स्वीकार्यता मिली। ये स्वीकार्यता भी उस अहम बैठक में मिली जो आगामी त्योहारों के मद्देनजर बुलाई गई थी। बैठक में दोनो समुदाय से जुड़े वरिष्ठ लोग और जनप्रतिनिधि भी शामिल थे। दोनो समुदाय के वरिष्ठ लोगो ने मिलकर इस बुराई के खिलाफ ये कहते हुए आवाज बुलंद की कि इंदौर का नाम बदनाम तो हो रहा है, नई पीढ़ी के बच्चे भी इसकी गिरफ्त में आ रहे है जो भयावह हैं। पुलिस कमिश्नर मकरंद देउस्कर से स्पष्ट कहा कि ड्रग्स का मामला इन्दौर में खतरनाक होता जा रहा हैं।
कलेक्टर डॉ इलैयाराजा टी और पुलिस कमिश्नर मकरंद देउस्कर इस बैठक के मुखिया थे। ये बैठक शांति समिति की रूटीन बैठक थी जो अक्षय तृतीया, भगवान परशुराम जयंती और ईद के त्यौहार के मद्देनजर बुलाई जरूर गई थी लेकिन ड्रग्स इसका मुख्य विषय हो गया। भाजपा नेता राजेश उदावत ने ये विषय उठाया। उन्होंने मजबूती से बात रखते हए कहा कि कभी शहर का पूर्वी क्षेत्र सबसे शांत था। अब इस इलाके की 100-150 कालोनी और रहवासी क्षेत्र ड्रग्स के नशेड़ियों के कारण बुरी तरह त्रस्त हैं। नशेड़ी घर के बाहर रखी सायकल तो दूर, बाल्टी तक चुरा ले जा रहे हैं। नशे के लिए बगीचों की जालियां, फव्वारे तक चोरी हो रहे हैं। खाली मैदान में नशाखोरी हो रही हैं। युवा पीढ़ी बुरी तरह इसकी गिरफ्त में आ रही है। ढाबे पब बार ही नही, अब तो चाय पान की दुकानें पर भी ड्रग्स की पूड़िया मिल रही हैं।
पुलिस कमिश्नर देउस्कर ने साफ़गोई से स्वीकारा कि इंदौर में ड्रग्स के मामले भोपाल से ज्यादा हैं। शराब गांजे से ज्यादा ड्रग्स के मामले सामने आ रहे हैं। माताएं हम तक आती है शिकायत लेकर। इतनी बड़ी संख्या में रिहैबिलिटेशन सेंटर तो अभी तैयार नही हो सकते लेकिन हम ड्रग्स सप्लाय करने वालो के खिलाफ निरंतर एक्शन ले रहे है और हर हाल में ये सप्लाय चेन तोड़कर रहेंगे।
एमडी ड्रग्स-ब्राउन शुगर का गढ़ बनता जा रहा इन्दौर : क्राइम ब्रांच के आंकड़े बताते है कि हमारा इन्दौर तेजी से ड्रग्स का गढ़ बनता जा रहा है। पूरे प्रदेश में ब्राऊन शुगर ओर एमडी ड्रग्स के सबसे ज्यादा केस इन्दौर में ही सामने आए।2022-23 में 43 केस दर्ज हैं। 73 लोगो को आरोपी बनाया गया। 1.56 करोड़ की ब्राऊन शुगर भी हमारे शहर से पकड़ाई। एक एक ग्राम की पुड़िया के रूप में बिकने वाली एमडी ड्रग्स भी 480 ग्राम यानी आधा किलो के करीब पकड़ाई है। इस मामले में 10 केस दर्ज हुए और 73 आरोपियों पर करवाई की गई। बीते साल भी करीब 2 किलो ( 1.88 kg) ब्राऊन शुगर जब्त की गई थी।
विजयवर्गीय ने हाल ही चेताया था : शहर में बढ़ती ड्रग्स की लत के खिलाफ भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय मुखर हुए थे। उन्होंने पितृ पर्वत पर हुए आयोजन में दो टूक कहा था कि शहर सफाई में भले ही अव्वल है लेकिन यहां के युवाओं में ड्रग्स के नशे की लत भी तेजी से फेल रही है। इस पर लगाम लगाने के लिए विजयवर्गीय ने बोला था। युवाओं को नशे से बचाने के लिए हनुमान चालीसा क्लब बनाने की बात भी कही थी। इसके बाद से हिंदू संगठनों ने भी नशे के खिलाफ अभियान शुरू किया हुआ है।