इंदौर : अचानक 15 दिनों से कोरोना संक्रमित मरीजों ने इंदौर वासियों के साथ-साथ शासन-प्रशासन को एक बार फिर सोचने पर विवश कर दिया है कि अचानक इतना लापरवाह दिखाने वाले लोगों पर ठोस कार्यवाही करना प्रशासन की मजबूरी बन गई हैं. प्रशासन ने कई बार चेताया है कि दो गज की दुरी और मास्क पहना जरूरी लेकिन लोगो ने लापवाही दिखाते हुए कई आयोजन में भाग लेना. बड़े-बड़े कार्यक्रम करना एक दिखावा था. इसी कारण देश-विदेश के साथ इंदौर में एक बार फिर कोरोना डराने लगा हैं. इसी डर ने इंदौर कलेक्टर को एक बार फिर सख्त चेतावनी देने के लिए मैदान पकड़ा. विश्व के अनेक देशों में कोरोना संक्रमित वायरस एक बार फिर से तेजी से पैर पसारने लगा है. पश्चिम बंगाल में एक दो जगह तो लॉकडाउन लगाना पड़ा वही कई देशों में तो लॉकडाउन भी लगाए जाने लगे है. फिलहाल भारत में स्थिति फिलहाल सामान्य है, लेकिन होने वाली मौतों ने केंद्र सरकार को भी डरा दिया. तमाम दावे किए जाए कि कोरोना की तीसरी लहर ना के बराबार हैं, लेकिन कोविड-19 का खतरा अब भी बरकरार है. इंदौर के हालात भी देश के अन्य शहरों से जुदा नहीं है. पिछले एक सप्ताह के दौरान शहर में कोरोना संक्रमितों की संख्या में अचानक वृद्वि होने के संकेत मिले. कोरोना वायरस का नया वैरियांट भी शहर के मरीजों में पाया गया है. शहर में कोरोना मरीजों की संख्या में उतार-चढ़ाव व त्यौहारों के लिए बाजारों में उमड़ती भीड़ को देखकर प्रशासन के हाथ-पैर फूलने लगे है. कलेक्टर मनीष सिंह ने आज सख्त चेतावनी देते हुए कहा है कि जो लोग दूसरा डोज नहीं लेंगे उन्हें सरकारी सुविधाओं से वंचित होने के साथ कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. कलेक्टर मनीष सिंह ने कहा कि भंडारे, अन्नकूट और सभाओं पर पहले से ही प्रतिबंध लगा हुआ है. इनकी अनुमति लेने का प्रयास ना करें. इसके साथ ही कलेक्टर ने यह दावा भी किया कि अब हर हाल में नवंबर के आखिरी हफ्ते में दूसरे डोज का भी 100 फीसदी वैक्सीनेशन करा लिया जाएगा.