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खबर का असर : पुलिस और अख़बार वालों को आदेश आरोपी के फोटो ना छापे

इंदौर Published by: Sunil Paliwal-Anil Bagora Updated Tue, 19 Jan 2021 12:25 AM
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इंदौर । (राजेन्द्र के.गुप्ता 9827070242...) मुंबई हाईकोर्ट ने यह आदेश जारी करके मीडिया के लिए गाईड लाईन जारी की है। अब तक रेप जैसे और लड़कियों से जुड़े केस में प्रभावित महिलाओं की फोटो और नाम प्रकाशित करना प्रतिबंधित था । अब आरोपी का फोटो भी प्रकाशित नही करने के सम्बंध में मुंबई हाईकोर्ट ने निर्देश जारी किए है । यह सही भी है पुलिस में व्याप्त भ्रष्टाचार और मनमानी के कारण कई बार निर्दोष भी उलझ जाते है, पुलिस अपराध दर्ज करने में मनमर्जी से या व्यक्तिगत लाभ-हानि के हिसाब से गलत धाराएँ लगा देती है । यही कारण है कि कोर्ट से कई बड़े चर्चित अपराधों में से भी आरोपियों को जमानत मिल जाती है बरी हो जाते है । राजनीतिक हस्तक्षेप के कारण भी पुलिस निष्पक्ष और क़ानूनन काम नही कर पाती है अर्थात् भ्रष्टाचार, प्रचार, व्यक्तिगत स्वार्थ और राजनीतिक हस्तक्षेप ये ऐसी स्थितियाँ है। जिनके चलते पुलिस और मीडिया वाले बिना दस्तावेज साक्ष्य के आरोपियों के संबंध में खूब बढ़ा-चढ़ा कर शोऑफ करते है। अख़बार की खबरों से पुलिस वाले पल्ला झाड़ लेते है क्योंकि जो छपता है उसका लिखित प्रमाण तो पुलिस वाले देते नही है। इंदौर पुलिस को भी कोई विदेशी ड्रग तस्कर नही मिला ,ना उन अधिकतर भूमाफ़िया के विरुद्ध दस्तावेज सबूत मिलें। जिनको उसने आरोपी बना कर सिर्फ़ जनता के बीच संदेश देने के चक्कर में कार्यवाही कर दी है और जो भूमाफ़िया के रूप में वास्तविक किरदार वो दस्तावेजी साक्ष्य की कमी के चलते सुख भोग रहे हैं।

● पालीवाल वाणी ब्यूरों-Sunil Paliwal-Anil Bagora...✍️

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