इंदौर : बिजासन रोड स्थित अखंडधाम आश्रम पर चल रहे 55वें अ.भा. अखंड वेदांत संत सम्मेलन में आज सैकड़ों बालिकाओं ने लव जिहाद एवं धर्मांतरण का विरोध करने तथा ऐसे किसी भी कुत्सित प्रयास का प्रतिकार करने की शपथ ली। गोवर्धननाथ मंदिर इंदौर के युवा वैष्णवाचार्य गोस्वामी वागधीश बाबा, साध्वी कृष्णादेवी एवं अर्चना दुबे की मौजूदगी में इन बालिकाओं ने पहले लव जिहाद की बुराइयों को समझा, फिर अतिरिक्त पुलिस आयुक्त प्रशांत चौबे द्वारा सायबर क्राइम की रोकथाम के उपाय जाने और संतों की साक्षी में संकल्प किया कि वे इस तरह के किसी भी प्रयास का हरसंभव विरोध करेंगी। बालिकाओं के साथ संत सम्मेलन में उपस्थित पालकों ने भी अपने बच्चों को संस्कारित करने की शपथ ली।
संत सम्मेलन में आज दोपहर शारदा कन्या विद्यालय की बालिकाओं को भी आमंत्रित किया गया था। साध्वी अर्चना दुबे ने उन्हें पहले लव जिहाद की बुराइयों और हिन्दू सनातन धर्म की विशेषताओं के बारे में विस्तार से बताया। गोस्वामी वागधीश बाबा ने भी बालिकाओं को समझाईश दी कि वे विधर्मियों द्वारा चलाए जा रहे कुचक्रों से सावधान रहें। उन्होंने कहा कि अन्य समाजों और धर्मों में अपनी-अपनी पद्धति एवं परंपराओं के बारे में ज्ञान देने की प्राथमिक स्तर से ही व्यवस्था है, लेकिन हिन्दू सनातन धर्म में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है।
हिन्दू धर्म अहिंसा और सत्य पर टिका हुआ है। हम शास्त्र के साथ शस्त्र का भी प्रयोग कर सकते हैं और इसीलिए दोनों की रक्षा करना हमारा दायित्व है। हमारी युवा पीढ़ी को संगठित होकर ऐसे विकृत प्रयासों का विरोध करना चाहिए। पुलिस उपायुक्त प्रशांत चौबे ने बालिकाओं को उन सभी कानूनों की सरल भाषा में जानकारी दी, जो केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा महिलाओं तथा बच्चों के हित में बनाए गए हैं। उन्होंने कहा कि आपको अपने मोबाइल का उपयोग अपने विवेक और सोच के आधार पर करना चाहिए। हम ऐसा कोई काम नहीं करें, जिससे अपराधी तत्वों को हमे शिकार बनाने का मौका मिले।
फेसबुक, इंस्टाग्राम और अन्य जितने भी प्रावधान है वे आभासी दुनिया हैं, लेकिन हम उन्हें सच मान बैठते हैं। हमारी इसी गलती का लाभ उठाकर शरारती तत्व हमें अपने जाल में फंसा सकते हैं। हमारे कानून इतने पर्याप्त हैं कि यदि किसी भी तरह की अपराधिक घटना होती है तो पुलिस एवं प्रशासन हर तरह से पीड़ित लोगों को संरक्षण प्रदान कर सकता है।
संत सम्मेलन में वृंदावन के महामंडलेश्वर स्वामी प्रणवानंद सरस्वती, उज्जैन के बालयोगी उमेशनाथ एवं महामंडलेश्वर स्वामी नारदानंद, वृंदावन के स्वामी केशवानंद, आष्टा की साध्वी कृष्णादेवी, स्वामी नारायणानंद, रतलाम के महामंडलेश्वर स्वामी स्वरुपानंद एवं देवस्वरूपानंद ने भी अपने प्रेरक विचार व्यक्त किए। प्रारंभ में आयोजन समिति की ओर से महामंडलेश्वर डॉ. स्वामी चेतन स्वरूप, संत राजानंद, अध्यक्ष हरि अग्रवाल, सचिव भावेश दवे, सचिन सांखला, आदित्य सांखला, ठा.विजयसिंह परिहार, राजेन्द्र गर्ग, राजेन्द्र मित्तल आदि ने अतिथियों का स्वागत किया।
राज्य की संस्कृति मंत्री सुश्री उषा ठाकुर, श्रीमती आशा विजयवर्गीय, विधायक आकाश विजयवर्गीय, विद्याधाम परिवार के पं. दिनेश शर्मा, राजेन्द्र महाजन, समाजसेवी नारायण अग्रवाल, दिनेश जिंदल, सुधीर अग्रवाल, गीता भवन ट्रस्ट के मंत्री रामविलास राठी, बीएसएफ के आईजी अशोक यादव, पत्रकार प्रवीण खारीवाल ने भी आज संत सम्मेलन में पहुंचकर संतों का सम्मान किया। संचालन स्वामी नारायणानंद एवं हरि अग्रवाल ने किया।