।। महालक्ष्मी नमस्तुभ्यं नमस्तुभ्यं सुरेश्वरी
हरि प्रिये नमस्तुभ्यं नमस्तुभ्यं दयानिधे ।।
।। महालक्ष्मी नमस्तुभ्यं नमस्तुभ्यं सुरेश्वरी
हरि प्रिये नमस्तुभ्यं नमस्तुभ्यं दयानिधे ।।
है महालक्ष्मी जी। आपको बारम्बार नमस्कार।
नमस्कार आपको है सुरों की सुरेश्वरी।
हरि विष्णु की अत्यंत प्रिय प्रिये आपको प्रणाम करते है।
है दयानिधे आपको बारम्बार नमस्कार।
सुख समर्द्धि और सौभाग्य के कलश छलकाती धन की अधिष्ठात्री देवी महालक्ष्मी का आगमन हो गया है। अहिल्या नगरी के घट घट में देवी लक्ष्मी विराज गई है ओर द्वार द्वार दीपावली चमक उठी है। हर आंगन खुशियों से चहक रहा है। दहलीज पर रंगोली के सुंदर रंग दमक रहे है। मोतियों के चौक पुराये जा रहे है। मंगलगान गाये जा रहे है। हल्दी कुमकुम के पगल्ये उकेरे जा रहे है। वन्दनवार बांधे जा रहे है। गेरू खड़िया से मांडने मांडे जा रहे है जिन पर चलकर देवी लक्ष्मी के कदम हर घर आंगन में खुशियां लेकर आएंगे। केसरिया, पीले ओर चटख रंग के गेंदे के फूलों की बहार छाई हुई है। घर ही नही, गांव-गली, मोहल्ले ओर शहर भी बुहारकर साफ कर दिया गया है। कोना कोना दमक रहा है। दीपमालिकाये जगमग जगमग कर रही है। दीपावली जो आ गई है।
इस बार की दीपावली सबके लिए सुख सौभाग्य ओर आरोग्य का वरदान लेकर आई है। छोटे बड़े सब एक समान उत्व के उल्लास में डूब गये है। ऊंची इमारतों से लेकर पॉश कालोनियों ओर तंग बस्ती मोहल्लों से लेकर छोटी सी झोपड़ी तक दयानिधे भगवती लक्ष्मी की अगवानी हो रही है। धन की देवी भी सब तरफ एक समान अपनी कृपा बरसा रही है। खुशियों से हर चेहरा दमक रहा है। घरों में रंगोली सजाई गई है। दीपक के थाल के थाल बाती के संग तैयार है। बस इंतजार है दिन ढलने का।
दिन ढलते ही अब तरफ दीपक प्रज्वलित हो जाएंगे। सब तरफ प्रकाश पर्व का उजास ही उजास पसर जाएगा। धरती से लेकर नम्बर तक रौशनी की एक बारात सज जाएगी। आंगन के चकरी नाचेगी तो आसमान में रॉकेट रंगीनियां बिखेरेगा। ऊंचाई तक जाकर झर झर झरते अनार के रौशन दानों की दमक भी देखते ही बनेगी। धूम धड़ाक के बम भी फूटेंगे तो तड़तड़ाहट के साथ लड़ की लड़िया भी कतारबद्ध होकर दीप पर्व का अभिनंदन करेगी। हाथ मे दीपकों के थाल लिए सजी सँवरी सुहागनों से हर गली मोहल्लों के देवालय दमक उठेंगे। घर घर मे देवी लक्ष्मी का पूजन अर्चन ओर वंदन होगा।
आज सुबह से राजबाड़ा स्थित होलकर युगीन लक्ष्मी मन्दिर में दर्शनार्थियों का तांता लग गया। कतार एक तरफ आड़ा बाजार के अंदर तक प्रवेश कर गई थी तो दूसरी तरफ यशवंत रॉड पर बैंक की इमारत को पार कर गई थी। गोर्धननाथ मन्दिर के सामने स्थित लक्ष्मी मन्दिरके स्वर्ण श्रंगर की आभा देखते ही बन रही थी। यहां भी बड़ी संख्या में भक्तों ने अलसुबह से दर्शन के लिए आना शुरू कर दिया था। पंडित केशव त्रिवेदी के मुताबिक आज सायंकाल प्रदोष कॉल में देवी का विशेष सहस्त्राअर्चन पूजन होगा। देवी का श्रंगर सवर्ण आभूषणो से होगा।