इंदौर. कोचिंग इंस्टीट्यूट अनएकेडमी द्वारा छात्र से जमा फीस नहीं लौंटाने के चलते धोखाधड़ी की शिकायत अब पुलिस कमिश्नर संतोषसिंह तक जा पहुंची है. एक पालक ने पहले ई एफआईआर (FIR) कराई. फिर कमिश्नर सहित पुलिस के आला अफसरों को शिकायत भी की है, मामले में जांच शुरू हो गई है.
फरियादी/पालक योगेश गुप्ता ने बताया कि उन्होंने अपने पुत्र यजत गर्ग को आईआईटी-जेईई की कोचिंग हेतु कोचिंग इंस्टीट्यूट अनएकेडमी सेंटर 3/1, रेसकोर्स रोड़ इंदौर में आईआईटी-जेईई क्लॉस 12 में एक वर्ष की पढ़ाई हेतु कोचिंग का एडमिशन कराया था. जिसकी क्लास 1 अप्रैल 2025 से प्रारंभ होना है.
इस हेतु दिनांक 31-10-2024 को सेंटर सब्सक्रिप्शन करके सर्विस फीस के रूप में अग्रिम फीस कुल 51400/- रूपये दो किस्तों में आनलाईन भरी है. रूपये भरने के बाद मुझे 2 जनवरी 2025 में पता चला कि इस एकेडमी में नियमित रूप से बच्चों को पढ़ाने वाले शिक्षकों फैकल्टी को निकाला जा रहा है, जबकि हमने फैकल्टी एसकेएस सर व विवेक सर को देखकर संस्थान में प्रवेश लिया था. एडमिशन लेते समय बताया गया था कि उनके द्वारा मेरे पुत्र को पढ़ाया जायेंगा. उन्हें भी निकाल दिया गया.
योग्य फैकल्टी के अभाव में मुझे मेरे पुत्र का भविष्य अंधकारमय नजर आया तो मैंने अपने पुत्र को अनएकेडमी में पढ़ाने की अनिच्छा जताते हुए जमा फीस लौंटाने हेतु कई मतर्बा रेसकोर्स रोड स्थित आफिस पर संपर्क किया गया, किंतु वहां से करीब एक माह से लंबे समय से टालमटोल की जा रही है और अभद्र व्यवहार भी किया गया.
इस दौरान उन्होंने अनएकेडमी के सिटी हेड प्रियमसिंह से भी मोबाईल फोन पर कई बार चर्चा की, पहले उन्होंने जमा फीस रिफंड के संबंध में कारर्वाई का आश्वासन दिया था फिर फोन रिसीव भी करना बंद कर दिए, जबकि उन्होंने फीस रिफंड की पॉलिसी हेतु बकायदा वांछित जानकारी ईमेल भी कर दी थी.
गुप्ता ने इंदौर के सिटी हेड प्रियम सिंह व नेशनल एकेडमिक हेड सुधांशु जैन, बेंगलूर के खिलाफ पहले ई-एफआईआर की, फिर उन्हें तुकोगंज थाने से अलग से आवेदन करने के निर्देश मिलें, तो उन्होंने पुलिस कमिश्नर संतोषसिंह, पुलिस महानिदेशक कैलाश मकवाना व थाना प्रभारी तुकोगंज को लिखित शिकायत की है और अनएकेडमी के कर्ताधर्ताओं के खिलाफ फौरजरी का मुकदमा कायम करने की मांग करते, हुए जमा पैसा दिलाने की गुहार लगाई है.
बहरहाल मामले में पुलिस ने जांच शुरू कर दी है. 28 मार्च 2025 को गुप्ता ने थाने जाकर बयान दर्ज करायें. श्री गुप्ता ने बताया कि उनकी तरह अन्य कई पालक भी अनएकेडमी के संचालकों की मनमर्जी से परेशान हो रहे है, उन्हें भी जमा फीस लौंटाने में आनाकानी की जा रही है. अकेले इंदौर में अनएकेडमी के 4 सेंटर है.
मप्र में कानून नहीं होने से बढ़ रही कोचिंगवालों की मनमानी
सूत्रों के अनुसार कोचिंग सेंटर्स के लिये पिछले वर्ष केंद्र सरकार की गाईडलाईन जारी की थी, किंतु मप्र में इसे लेकर अभी तक कानून नहीं बनने से कोचिंग सेंटर्स की मनमानी बढ़ रही है. जबकि गत 19 मार्च 2025 को ही राजस्थान सरकार ने कोचिंग सेंटर (नियंत्रण एवं विनियमन) विधेयक-2025 पेश कर दिया.
इसके तहत अब राजस्थान में यदि कोई छात्र कोचिंग छोड़ता है, तो संस्थान को बाकी फीस 10 दिन के भीतर लौंटाना होगी. मप्र में भी इसी तरह के कानून की मांग काफी समय से उठ रही है और जिला कलेक्टर को कार्रवाई के अधिकार देने पर जोर दिया जा रहा है.