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डिजिटल डिटॉक्स बेहद जरूरी , लोग पब्लिक गैदरिंग में भी फोन नही छोड़ पा रहे : डॉ. अमित सोलंकी

इंदौर Published by: sunil paliwal-Anil Bagora Updated Sat, 10 Feb 2024 12:19 AM
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डिजिटल डिटॉक्स पर परिचर्चा की

 इंदौर :

आई अवेयरनेस के मद्देनजर डिजिटल डिटॉक्स विषय पर क्रिएट स्टोरीज एनजीओ द्वारा श्री अय्यप्पा स्कूल में आयोजित सेमिनार एवं आई कैंप में आई स्पेशलिस्ट डॉ अमित सोलंकी ने परिचर्चा की।

शांति आईटेक के निदेशक डॉ अमित सोलंकी ने बताया इंटरनेट आज हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा बन चुका है और आलम ये है कि इससे एक पल भी दूर रह पाना नामुमकिन सा लगता है ।  दिनभर स्मार्टफोन, टैब या लैपटॉप पर नज़रें बनाए रखने की आदत आपकी मानसिक सेहत के लिए ख़तरा बन सकती है एवं अब लोग किसी पब्लिक गेदरिंग के वक्त एक-दूसरे से बात कम स्मार्टफोन का इस्तेमाल ज़्यादा करते है ।

वर्चुअल वर्ल्ड में ज़्यादा वक्त बिताना आपकी लाइफ़ स्टाइल के लिए भी ठीक नहीं है इसलिए इसकी वजह से आपकी एकाग्रता भी बाधित हो सकती है एवं ऐसे में सोशल मीडिया ऐप्स से ब्रेक लेना, स्क्रीन का मोह छोड़ना आपके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए अच्छा हो सकता है ।

एक तय समय के लिए फोन, टैब या फिर ऐसे ही इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज से दूरी बना लेने को डिजिटल डिटॉक्स कहा जाता है. अचानक स्मार्टफोन का इस्तेमाल छोड़ देना बेहद मुश्किल है क्योंकि जॉब और दूसरी वजहों से हमें कई ऐप्स का इस्तेमाल करना पड़ता है, जिन्हें हर दिन देखने की जरूरत पड़ती है ऐसे में एक वक्त तय करें और उस टाइम फोन का इस्तेमाल न करें। अपने आपको वक्त दें और स्मार्टफोन से दूर रहने की कोशिश करें और पूरी तरह से न छोड़ें लेकिन अपनी लाइफ़स्टाइल के हिसाब से काम करें साथ ही ब्रेक के दौरान पूरी तरह से फोन छोड़ने की कोशिश कर सकते हैं। 

आई कैंप में तकरीबन 300 बच्चो की हुई आंखो की जांच में 250 से ज्यादा बच्चो को चश्मे का नंबर आया जिन्हे पता ही नही था उन्हे नंबर है , कारण था ज्यादा स्क्रीन टाइम और रेगुलर आई चेकअप न होना ।

डिजिटल डिटॉक्स के लिए इन 9 स्टेप को फॉलो करें–

मोबाइल के पुश नोटिफिकेशन को ऑफ करें ।

सिर्फ काम की एप रखे ।

सोशल मीडिया अकाउंट क्लीन करें यानी जिन्हे जानते है उन्हे ही एड करें या फॉलो करें ।

खाना खाते समय फोन दूर रखे ।

कुछ समय स्क्रीन के बिना बिताए ।

अपने बेडरूम को नो टेक जोन बनाएं ।

गो रेट्रो यानी ब्लैक एंड व्हाइट स्क्रीन या भी इस्तमाल करें। 

पेपर या नोटपैड पर पेन लिखना वापस शुरू करें ।

एक बार में एक स्क्रीन का ही इस्तमाल करें।

डिजिटल डिटॉक्स के फायदे :

बेहतर नींद ले पाएंगे : अगर फोन को वाइब्रेट मोड पर साथ लेकर सोते हैं तो विश्वास कीजिए आप आरामदायक नींद नहीं ले पाएंगे। आपको लगता है कि आप मैनेज कर लेंगे तो आप शायद गलत सोच रहे हैं। एक बार अपने फोन को दूर रखकर सोकर देखिए, इससे आपको पहले की अपेक्षा ज्यादा आरामदायक नींद आएगी। 

रियल सोशल वर्ल्ड में एंट्री : हो सकता है कि आप अपने बिजनेस से संबंधित किसी ग्राहक को ढूंढ रहे हों, और वो ग्राहक ट्रेन में आपके पास वाली सीट पर ही बैठा हो। हर वक्त फोन इस्तेमाल करने की बजाय अपने जान-पहचान तथा आस-पास के लोगों से भी बातचीत करने की कोशिश करें। इसके आप बेहतर परिणाम पाएंगे।

मस्तिष्क बेहतर कार्य करेगा : कई अध्ययनों में यह साबित किया जा चुका है कि वास्तव में हमारा मस्तिष्क मल्टीटास्किंग नहीं कर सकता है। हमारा मस्तिष्क शीघ्रतापूर्वक एक कार्य के पश्चात दूसरे कार्य की तरफ केंद्रित हो जाता है। इसका हम पर नकारात्मक प्रभाव न पड़े, इसलिए एक वक्त में एक ही कार्य पर ध्यान रखें।

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