इंदौर. जैन मुनि श्री 108 प्रमाण सागर जी महाराज ने परदेशीपुरा इंदौर स्थित भिक्षुक पुनर्वास केंद्र का अवलोकन किया और वहां उपस्थित हितग्राहियों से चर्चा की। उन्होंने हितग्राहियों द्वारा बनाए गए उत्पादों को भी देखा और उनकी प्रतिभा की प्रशंसा की।
मुनि श्री प्रमाण सागर जी महाराज ने भिक्षावृत्ति में शामिल लोगों के पुनर्वास प्रोग्राम को देखकर अपनी गहरी संतुष्टि व्यक्त की और हितग्राहियों को अपना आशीर्वाद दिया। उन्होंने कहा कि यह पुनर्वास कार्यक्रम न केवल भिक्षावृत्ति में शामिल लोगों को आत्मनिर्भर बनाने में मदद कर रहा है, बल्कि समाज में उनकी गरिमा और प्रतिष्ठा को भी बढ़ा रहा है।
इस केंद्र को उन्होंने मानव मंदिर की संज्ञा दी एवं अत्यंत हार्दिक प्रसन्नता जाहिर की। मुनि श्री प्रमाण सागर जी महाराज ने इस पुनर्वास केंद्र की संचालक रुपाली जैन और सभी कार्यकर्ताओं को भी अपनी शुभकामनाएं दीं और कहा कि उनका यह प्रयास समाज के लिए एक उदाहरण है।