इंदौर.
भारद्वाज ज्योतिष एवं आध्यात्मिक शोध संस्थान, इंदौर के शोध निदेशक व मध्यप्रदेश ज्योतिष एवं विद्वत परिषद के प्रादेशिक प्रमुख आचार्य पंडित रामचंद्र शर्मा ‘वैदिक' को जगद्गुरु शंकराचार्य राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया. धर्म, ज्योतिष एवं अध्यात्म के क्षेत्र में उल्लेखनीय सेवाकार्यों हेतु देश के सर्वोच्च शंकर पीठ शारदापीठम् शृंगेरी के जगदगुरु शंकराचार्य श्रीश्री भारतीतीर्थ महासन्निधानम के 71 वें वर्धती महोत्सव के उपलक्ष्य में जगद्गुरु शंकराचार्य "श्री भारती तीर्थपुरस्कार" दिया गया.
उन्हें शाल-श्रीफल, मेडल एवं एक लाख रुपए की सम्मान निधि से सर्वोच्च शंकरपीठ श्रृंगेरी में सम्मानित किया गया. आचार्य पं. शर्मा को यह प्रतिष्ठापूर्ण सम्मान ग्रहण करने हेतु शृंगेरी आमंत्रित किया गया था. वे मध्यप्रदेश के पहिले विद्वान है, जिन्हें यह प्रतिष्ठापूर्ण जगदगुरु शंकराचार्य सम्मान श्री शारदापीठम् शृंगेरी द्वारा प्रदान किया गया.
यह हमारे मध्य प्रदेश के लिए गौरव का विषय है. उन्हें यह सम्मान भगवती शारदम्बा व पूज्य जगदगुरुजी के उत्तराधिकारी जगदगुरु शंकराचार्य श्रीश्री विदुशेखरजी भारती के पावन सान्निध्य में शृंगेरी मठ के प्रशासक श्री वी. आर. गौरीशंकर, जगदगुरुजी के निजी सचिव श्री कृष्णमूर्तिजी और श्री दक्षिणामूर्तिजी ने आचार्य शर्मा को श्रृंगेरी की पारम्परिक शाल, गोल्ड मेडल, एक लाख रुपये की सम्मान निधि व रजत मुद्रांकित प्रसंशा पत्र भेंटकर अभिनन्दित किया.
समारोह का शुभारंभ वैदिक विद्वानों के वैदिक राष्ट्रगीत से हुआ. प्रारंभ में मठ के प्रशासकीय विभाग के श्री अन्नाजी ने कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की व आचार्य श्री शर्मा वैदिक का परिचय दिया. समारोह के अंत मे जगदगुरु शंकराचार्य श्री विदुशेखर भारतीजी ने अपने अनुग्रह भाषण में सनातन धर्म की महानता व आज के परिप्रेक्ष्य में इसके सम्यक प्रचार-प्रसार की आवश्यकता पर जोर देते हुए शृंगेरी शारदापीठम् की अविछिन्न आचार्य परम्परा पर प्रकाश डाला.
आभार शृंगेरी मठ के प्रशासक ने माना. 1993 में भी आचार्य शर्मा वैदिक श्रृंगेरी में हुए सम्मानित, यहां यह तथ्य उल्लेखनीय है कि अप्रैल 1993 में अखिल भारतीय वैदिक सम्मेलन भारत सरकार नईदिल्ली व शृंगेरी शारदा पीठ के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित वेद महोत्सव जिसमें देशभर के 350 से अधिक अतिविशिष्ठ पारम्परिक वेदज्ञ विद्वानों ने श्रृंगेरी वेद सम्मेलन में भाग लेकर चारों वेदों व ब्राह्मणग्रन्थों का अष्ट विकृतियों सहित सस्वर वेदपाठ प्रस्तुत किया था.
आचार्य शर्मा वैदिक भी मध्यप्रदेश से आमंत्रित किये गए थे. अप्रैल 1993 में भी आचार्य पंडित शर्मा वैदिक को पूज्य जगदुरू जी के सान्निध्य में तत्कालीन मुख्य चुनाव आयुक्त श्री टी. एन. शेषन ने आचार्य शर्मा वैदिक का शाल, श्रीफल व स्वर्ण मुद्रांकित प्रशंशा पत्र भेंटकर आचार्य श्री शर्मा वैदिक को वेद महर्षि की उपाधि से सम्मानित किया था. यह धर्म अध्यात्म व ज्योतिष जगत के लिए गौरव का विषय है.